न्यूज डेस्क
बीते दिनों असम में बीजेपी सरकार ने नया कानून बनाया था जिसके तहत उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देगी जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि इस्लाम सिर्फ दो बच्चे पैदा करने में विश्वास नहीं रखता। जिसे इस दुनिया में आना है उसे आने से कोई रोक नहीं सकता।
सरकारी नौकरी को लेकर सांसद बदरुद्दीन अजमल ने 27 अक्टूबर को कहा, ‘हमारे ऊपर कोई पाबंदी नहीं है। सरकार वैसे भी हमें नौकरी नहीं दे रही है और हमें कोई उम्मीद भी नहीं है। मैं तो कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा किए जाएं और उन्हें शिक्षा दी जाए जिससे वह खुद तरक्की कर सकें और हिंदुओं को भी नौकरियां दें।’
Badruddin Ajmal, AIUDF chief: There is no restrictions among us.Govt is not giving us jobs anyway&we even don't expect jobs.I would say my people to give birth to as many children as they can and educate them. So they can develop job opportunities and provide jobs to even Hindus. https://t.co/7nmLULzcti pic.twitter.com/y6g6gXmHX9
— ANI (@ANI) October 27, 2019
गौरतलब है कि सांसद बदरुद्दीन अजमल ने 26 अक्टूबर को भी इस मुद्दे को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मुस्लिम बच्चे पैदा करते रहेंगे और वे किसी की नहीं सुनेंगे। अजमल ने कहा कि, ‘मैं निजी तौर पर मानता हूं और हमारा धर्म भी मानता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं, उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।’
क्या है असम सरकार का फैसला
मालूम हो कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की कैबिनेट ने 22 अक्टूबर को यह फैसला लिया कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। कैबिनेट फैसले के मुताबिक 1 जनवरी, 2021 के बाद से दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी।
असल में, 126 सीटों वाली विधानसभा ने दो साल पहले जनसंख्या नीति को अपनाया था और अब सोनोवाल सरकार ने यह फैसला लिया है। सितंबर 2017 में असम विधानसभा ने असम की जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति को पास किया था ताकि छोटे परिवार को प्रोत्साहित किया जा सके।