जुबिली स्पेशल डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों काफी बुरे दौर से गुजर रही है। लोक सभा हो या फिर विधान सभा चुनाव सबमे कांग्रेस पार्टी फिसड्डी साबित हुई है। इतना ही नहीं कांग्रेस के अपने कुनबे में एक अलग तरह की रार देखने को मिल रही है।
पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भले ही सरकार है लेकिन वहां पर स्थानीय नेताओं के बीच रार भी चरम पर है। ऐसे में कई राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।
हालांकि अब कांग्रेस पार्टी में बदलाव की खबरे आ रही है। कमजोर संगठन को फिर से मजबूत करना भी कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं है। आलम तो यह है कि उसका अपना वोट बैंक लगातार कमजोर पड़ रहा है।
राज्यों के होने वाले चुनाव को देखते हुए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं को शामिल करने की तैयारी में हैं। कांग्रेस चाहती है कि 2024 तक वो अपनी पुरानी साख को वापस हासिल कर सके।
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पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलकर विरोधियों को काबू करने की कोशिश जरूर की है। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस में और बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके तहत वो राज्यों में युवा चेहरों को पाटीü में शामिल करने का महाअभियान चलाने ला रही है।
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कांग्रेस कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी व प्रशांत कुमार जैसे युवा चेहरों को पार्टी में लाना चाहती है ताकि उसकी स्थिति राज्यों के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सके और उसे आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सके।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार की कांग्रेस में शामिल होने की खबर जोर पकडऩे लगी है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि कन्हैया कुमार के शामिल होने को लेकर बहुत जल्द राहुल गांधी से उनकी से मुलाकात हो सकती है।
हालांकि ये मुलाकात कब होगी इसको लेकर अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। कहा जा रहा है कि दोनों की मुलाकात के बाद भाकपा नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। अगर कन्हैया कांग्रेस में शामिल होते हैं तो विपक्ष के लिए आने वाले समय में वो मुश्किले खड़ी कर सकते हैं।
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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर बहुत जल्द कांग्रेस पाटीü के रणनीतिकार बन सकते हैं। हालांकि प्रशांत किशोर को लेकर अब सोनिया गांधी कोई फैसला नहीं किया है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैें कि प्रशांत किशों को पार्टी में शामिल करने का अंतिम फैसला अब सोनिया गांधी करेगी। इतना ही नहीं सोनिया गांधी इस मुद्दे पर बहुत जल्द एक बैठक कर सकती है।
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बता दें कि प्रशांत किशोर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी करीबी रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह नरेन्द्र मोदी के रणनीतिकार थे।
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बिहार विधानसभा चुनाव में वह जेडीयू के रणनीतिकार बने। चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दजाü भी दिया था। अब कांग्रेस में उनके शामिल होने के कयास लगाये जा रहे हैं। अब अगर वो कांग्रेस में शमिल होते है तो आने वाले चुनाव में इसका असर भी देखने को मिलेगा।
गुजरात में विधान सभा चुनाव करीब है। ऐसे में वहां पर कांग्रेस कुछ कड़े कदम उठाने की तैयारी है। गुजरात में सात फीसदी दलित हैं और उनके लिए 13 सीट आरक्षित हैं।
ऐसे हालात में जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में अहम भूमिका निभा सकते हैं। मेवाणी के कांग्रेस में आने से गुजरात चुनाव कांग्रेस की तस्वीर बदल सकती है।
हार्दिक पटेल गुजरात के युवा पाटीदार नेता है। गुजरात में पाटीदार 14 प्रतिशत है। हालांकि हार्दिक कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे लेकिन लोकसभा चुनाव में कोई करिश्मा नहीं कर सके हैं लेकिन अब तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है। माना जा रहा है कि वो पहले से मजबूत हुए और इसका फायदा कांग्रेस को होने वाले विधान सभा चुनाव में मिल सकता है।