- पांच अस्पताल बोले 116 मरीज मरे, पर दिल्ली सरकार रट रही 66 के आंकड़े
- दिल्ली के अस्पतालों के आंकड़ों और दिल्ली सरकार के आंकडों में है बड़ा अंतर
न्यूज डेस्क
देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण से प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है तो दिल्ली तीसरे। दिल्ली सकरार की माने तक अब उनके यहां कोरोना वायरस से 66 मौतें हुई है, जबकि दिल्ली में पांच प्रमुख अस्पतालों में अब तक 116 मौतें हो चुकी हैं।
दिल्ली के लोकनायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और झज्जर के एम्स अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक कुल 116 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा केजरीवाल सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से बहुत ज्यादा है।
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दिल्ली सरकार के मुताबिक 7 मई की रात तक कुल 66 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है। दिल्ली सरकार द्वारा रोजाना जारी किए जाने वाले बुलेटिन के मुताबिक इन पांच अस्पतालों से केवल 33 लोगों की ही मौत हुई है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस बावत दिल्ली सरकार के प्रवक्ता से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “डॉक्टरों की एक ऑडिट कमेटी है जो कोविड अस्पतालों द्वारा बताई गई हर मौत की घटना की जांच करती है और यह सुनिश्चित करती है कि हर मौत की सूचना दी जाए। इस समिति के काम में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं है। हर एक तथ्य को सही और पारदर्शी तरीके से जनता के सामने पेश किया जा रहा है।”
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दिल्ली के अस्पतालों के आंकड़ों और दिल्ली सरकार के आंकडों में बहुत अंतर है। जैसे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार यहां अब तक 52 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है लेकिन गुरुवार की रात तक दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस अस्पताल में 26 लोगों की ही मौत हुई है।
इस बारे में अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा, “हम नियमित रूप से अपना डेटा दिल्ली सरकार को दे रहे हैं। हमें नहीं पता कि गलत डेटा क्यों परिलक्षित होता है। यहां तक कि कोविड -19 के पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या भी गलत है। हमने उन्हें कई बार सूचित किया है लेकिन संख्या अभी भी ठीक नहीं हुई है।”
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एम्स के दिल्ली और झज्जर परिसरों में भी राजधानी के मरीज हैं। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ डी के शर्मा ने कहा कि यहां भी 14 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में एम्स में कोरोना से मौत का आंकड़ा सिर्फ दो है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि क्या आप लोग दिल्ली सरकार को डेटा दे रहे हैं तो उन्होंने कहा, “हम उन्हें पूरा डेटा दे रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि वे केवल दिल्ली का डेटा ले रहे होंगे। वे कह रहे होंगे कि झज्जर का डेटा अलग है, जबकि झज्जर हमारा कैंपस है। यह हरियाणा में स्थित हो सकता है लेकिन वहां रोगियों को दिल्ली से ही स्थानांतरित किया गया है।”
इसी तरह एलएनजेपी में 47 मौत हुई है लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ पांच की मौत हुई है। लेडी हार्डिंग अस्पताल में भी सरकार एक मौत का दावा कर रही है जबकि अस्पताल के अधिकारी बता रहे हैं कि एक महीने में तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। दिल्ली सरकार के मुताबिक गुरुवार की रात तक कुल 5,980 मरीज थे, जिनमें 66 की मौत हुई है।
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