जुबिली न्यूज डेस्क
दुनिया के सबसे बड़े महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में शामिल मिस्र के स्वेज नहर में फिलहाल लगा जाम अब खत्म हो गया है। पहले की तरह जहाजों का आना-जाना सामान्य तरीके से होने लगा है, लेकिन इस मामले में मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर विवादों में आ गई हैं।
स्वेज नहर में 100 किमी लंबे जाम और अरबों डॉलर के नुकसान के लिए मार्वा को पूरी दुनिया में सोशल मीडिया पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
सवाल उठता है कि इस पूरे मामले के लिए क्या वाकई 29 साल की मार्वा जिम्मेदार थीं या उनके खिलाफ फेक न्यूज फैलाई गई।
फिलहाल स्वेज नहर में जाम लगने के विवाद में नाम घसीटे जाने के बाद मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मार्वा सामने आईं हैं। उन्होंने इस मामले में सफाई दी है।
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शिप कैप्टन मार्वा ने कहा कि वह स्वेज नहर में जाम लगने के समय यहां से कई मील दूर भूमध्यसागर के बंदरगाह शहर अलेक्जेंड्रिया में ड्यूटी दे रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘मैं सदमें में थी। मैं महसूस करती हूं कि मुझे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि मैं इस क्षेत्र में एक सफल महिला हूं या मैं मिस्र की रहने वाली हूं लेकिन मुझे पक्का भरोसा नहीं है।’
बीते सोमवार को समुद्र में आए ज्वार और शक्तिशाली जहाजों की मदद से स्वेज नहर में फंसे विशालकाय कंटेनर जहाज एवर गिवेन को निकाला गया था।
मार्वा ने कहा, ‘हमारे समाज में अभी भी लोग लंबे समय तक परिवार से दूर समुद्र में लड़कियों के काम करने के विचार को स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन जब आप जिस चीज को प्यार करते हैं और तब यह जरूरी नहीं है कि आप हर व्यक्ति से इसकी स्वीकृति लें।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिप कैप्टन मार्वा दुनिया के उन दो प्रतिशत महिलाओं में शामिल हैं जो समुद्र में व्यापारिक जहाजों पर काम करती हैं।
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राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
स्वेज नहर में एवर गिवेन जहाज के फंसने के बाद लंबा जाम लग गया था। इसको लेकर सोशल मीडिया में यह फेक न्यूज वायरल हो गई थी कि मार्वा की वजह से स्वेज नहर में जाम लगा है।
इस मामले में मार्वा ने कहा, ‘ फेक न्यूज अंग्रेजी में थी, इसलिए दुनिया के अन्य देशों में भी यह न्यूज फैल गई। इस फेक न्यूज में छपी बातों का खंडन करने के लिए मैंने बहुत प्रयास किया क्योंकि यह मेरी प्रतिष्ठा को प्रभावित कर रहा था और उन सभी प्रयासों पर पानी फेर रहा था जिसके बल पर मैं यहां पर पहुंची थी।’
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज पर कई नकारात्मक टिप्पणियों के बाद भी मेरे लिए कुछ ऐसे कॉमेंट थे जो उत्साह बढ़ाने वाले थे। मार्वा अगले महीने अपनी परीक्षा देंगी ताकि उन्हें कैप्टन की रैंक मिल सके।
मार्वा ने आशा जताई कि वह आगे भी महिलाओं को प्रेरित करती रहेंगी। वर्ष 2017 में मार्वा को राष्ट्रपति अब्देल फतह एल सीसी ने महिला दिवस पर सम्मानित किया था।
फिलहाल सच्चाई सामने आने के बाद मार्वा ने राहत की सांस ली है।
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गौरतलब है कि स्वेज नहर में जाम लगने से समुद्र में करीब 100 किमी लंबा जाम लग गया था। इसकी वजह से कई दिनों तक दुनिया का करीब 30 प्रतिशत व्यापार रुक गया था।
अधिकारियों के अनुसार तेज हवाओं और धूल के तूफान के कारण जहाज फंस गया था और इसे निकालने में 6 दिन और सात घंटे लग गए।
इस घटनाक्रम पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई थी। एक रिपोर्ट में तो यह भी दावा किया गया है कि जहाज नहर की स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज चल रहा था। इसके ब्लॉक होने से कई जहाज फंसे रहे और भयानक ट्रैफिक जाम लग गया।
पनामा का झंडा लगे जापानी स्वामित्व वाले एवर ग्रीन जहाज के निकलने का इंतजार 420 से अधिक जहाज कर रहे थे ताकि वे जलमार्ग से गुजर सकें।