जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। ऐसे तो बिहार में अगले साल चुनाव होना है लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से कमर कस ली है। नीतीश कुमार फिर से सत्ता में लौटना का सपना देख रहे हैं तो दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को भरोसा है कि जनता का प्यार उनको विधानसभा चुनाव में मिलने जा रहा है।
दूसरी तरफ बीजेपी भले ही नीतीश कुमार के साथ हो लेकिन बिहार में वो अपना सीएम चाहती है। इस वजह से दोनों का दोस्ताना कितने दिन चलेगा ये किसी को पता नहीं है।
वहीं प्रशांत किशोर भी इन दिनों काफी मेहनत कर रहे हैं और जन स्वराज पार्टी को लॉन्च कर रहे हैं। इतना ही नहीं हाल के दिनों में वो अपनी पार्टी को मजबूत कर सत्ता तक पहुंचने का दावा भी कर रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल है क्या प्रशांत किशोर केजरीवाल की तरह सफल हो पायेंगे।
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ‘पीके’ बीपीएससी छात्रों के समर्थन में पटना में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। बता दें कि बिहार में इस वक्त बीपीएससी परीक्षा को लेकर बवाल मचा हुआ है और प्रशांत किशोर भी इस मामले को जोर-शोर से उठा रहे हैं ताकि उनका राजनीति भविष्य और अच्छा हो सके।
प्रशांत किशोर ने बीते रविवार को बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद आमरण अनशन पर बैठ गए और अपनी राजनीतिक ठीक वैसे ही आगे बढ़ा रहे हैं, जैसे आज से कुछ साल पहले अरविंद केजरीवाल ने अन्ना आंदोलन के सहार राजनीतिक में धमाकेदार एंट्री मारी थी। ऐसे लोग कह रहे हैं कि पीके भी केजरीवाल की राह पर चल रहे हैं।
प्रशांत किशोर पहले ही बोल चुके थे कि अगर छात्रों की मांग बीपीएससी नहीं मानती है तो बड़ा आंदोलन करेंगे. पीके बीते गुरुवार को ही इस बात की घोषणा की थी कि अगर सरकार बीपीएससी परीक्षा को रद्द नहीं करती है तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे।