जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से पिछले हफ्ते चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के सियासी मायने भी खूब निकाले जा रहे थे। कहा जा रहा था कि बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष को एकजुट करने के लिए शरद पवार कवायत में जुटे हैं।
दोनों की मुलाकात 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि बीजेपी को रोकने के लिए शरद पवार सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना चाहते हैं।
इसी के तहत उन्होंने प्रशांत किशोर से मुलाकात की है लेकिन अब कहा जा रहा है यह बैठक क्या राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे हैं पवार चुनाव में शरद पवार की अपनी दावेदारी को लेकर की थी।
जनसत्ता की खबर की माने तो शरद पवार खुद को 2022 में होने वाली राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर देख रहे हैं। दरअसल शरद पवार के सभी पार्टी के साथ अच्छे संबंध है।
ऐसे में उनको लगता है वो मजबूत दावेदार हो सकते हैं।प्रशांत किशोर ने हाल में कहा था कि सरकार के खिलाफ तीसरा मोर्चा कोई विकल्प नहीं है।
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शरद पवार की मुलाकात किसी और वजह से हुई है। इसके बाद कयास लगने लगा है कि शरद पवार की प्रशांत किशोर से मुलाकात शायद राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी को लेकर हुई हो। शरद पवार अपनी दावेदारी के लिए विपक्ष को एकजुट करने वाला कदम हो सकता है। अब देखना होगा क्या सच में शरद पवार राष्ट्रपति के लिए अपनी दावेदारी पेश करते हैं।
दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव की जाये तो इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं होगी क्योंकि उसे कई जगह विधान सभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। ऐसे में वोटो की वोटों की तालिका नीचे आई है। इतना ही नहीं यूपी में होने वाला विधान सभा चुनाव बीजेपी के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।