जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के लिए मुसीबतें दिनों- दिन बढ़ती जा रही है। आगरा और कानपुर मेट्रो को प्राथमिकता पर तेजी से पूरा करने में जुटी मशीनरी लखनऊ मेट्रो के विस्तार पर काम तेज नहीं कर पा रही है।
जहां संशोधित डीपीआर पिछले आठ महीने से उत्तर प्रदेश सरकार की स्वीकृति का इंतजार कर रही है। वहीं अभी तक बसंतकुंज में डिपो बनाने के लिए मेट्रो को जमीन एलडीए से नहीं मिल सकी है।
मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि 2018 के अंत में ही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की बनाई संशोधित डीपीआर को प्रदेश सरकार को भेज दिया गया था। इसके बाद से अभी तक इसका परीक्षण प्रदेश सरकार कर रही है। प्रदेश सरकार को ही स्वीकृति के लिए इस डीपीआर को केंद्र सरकार को भेजना है।
ये भी पढ़े: नोटबंदी से आरबीआई की बैलेंसशीट भी हुई थी प्रभावित: समिति
केंद्र सरकार को डीपीआर भेजने के लिए प्रदेश सरकार में कई बार संपर्क किया गया है। आवास विभाग को भी इस बारे में अवगत अलग-अलग बैठकों में कराया गया है। इसके बाद भी अभी कोई प्रगति लखनऊ के दूसरे रूट ब्लू लाइन पर नहीं हो सकी है। इसमें मेट्रो को 13 किमी में चारबाग से बसंतकुंज पुराने लखनऊ को जोड़ते हुए मेट्रो दौड़ानी है।
एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह का कहना है कि इंजीनियर्स और अर्जन विभाग को लखनऊ मेट्रो के साथ समन्वय कर जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए कहा गया है। यह काम शीघ्र हमारी टीम पूरा कराएगी।
सरकार की इच्छाशक्ति की कमी…
अखिलेश यादव की सरकार में जिस मेट्रो ने तमाम रिकार्ड कायम किये, अब वहीं मेट्रो अगले चरण के लिए आगे ही नहीं बढ़ पा रही। जिससे न केवल एलएमआरसी पर सवाल उठ रहे है, बल्कि पूरी भूमिका प्रदेश सरकार निभा रही है। योगी सरकार की लापरवाही की वजह से लखनऊ में ब्लू लाइन मेट्रो का निर्र्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है।