जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने वाली भाजपा इन दिनों परेशानी में दिख रही है।
इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव में 400 प्लस जीतने का लक्ष्य रखने वाली बीजेपी चुनाव में सिर्फ 240 सीट ही जीत सकी।
ऐसे में उसको नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मदद से सरकार बनाने पर मजबूर होना पड़ा।
नीतीश और चंद्रबाबू नायडू ने अपनी शर्तों पर बीजेपी को समर्थन तो दिया है लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि यह सरकार कितने दिन तक चलेगी क्योंकि नीतीश और चंद्रबाबू नायडू का ट्रैक रिकॉर्ड किसी भी सरकार को कब गिरा दे ये किसी को पता नहीं है।
वही विपक्ष भी इस मौके की तलाश में है। हाल ही में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया था और भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार अगस्त के महीने में गिर सकती है।
वही कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कुछ इसी तरह की बात कही थी। अब दोनों ही नेताओं की भविष्यवाणी कुछ हद तक एक बड़ा इशारा कर रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं और बीजेपी से नाराजगी का बहाना को लगातार खोज रहे हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने मंगलवार को पटना, दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़ और पुणे में करीब 20 ठिकानों की तलाशी ली। इनमें बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव हंस के ठिकाने भी हैं।
उनके घर से 1100 ग्राम यानी 110 तोला सोना अन्य कीमती सामान मिला है । संजीव हंस को नीतीश कुमार का बेहद करीबी अधिकारी माना जाता है। ऐसे में बीजेपी को लेकर नीतीश कुमार में नाराजगी बढ़ सकती है तो दूसरी ओर जदयू चाहती है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए लेकिन मांझी ने इसे खारिज कर दिया है।
जहानाबाद में पत्रकारों से मांझी ने कहा था कि विशेष राज्य का दर्जा देना या नहीं देना नीति आयोग तय करता है।
जो राज्य कमजोर हैं, उन्हें मजबूत बनाने के लिए एनडीए सरकार विशेष व्यवस्था करेगी। पर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना संभव नहीं है। माझी के इस बयान को जेडीयू ने गंभीरता से लिया है और अपनी नाराजगी व्यक्त की है। अब देखना होगा कि इस तरह की नाराजगी से नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदलते हैं।