जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव के 6 महीने बाद ही इंडिया गठबंधन में अब खुले तौर पर बगावत देखने को मिल रही है। कई पार्टी अब कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं और अपनी अलग राह तलाश रहे हैं। ऐसे में अब कहा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन अब यूपीए में बदलता हुआ साफ नजर आ रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए को इंडिया गठबंधन बनाया लेकिन सत्ता से दूर रहा। 2022 में नीतीश कुमार ने यूपीए के विस्तार किया था और उनकी कोशिश का नतीजा ये हुआ कि अरविंद केजरीवाल से लेकर ममता बनर्जी तक और अखिलेश यादव से लेकर सीपीएम के सीताराम येचुरी एक मंच पर लाने का काम किया लेकिन अब यही गठबंधन पूरी तरह से बिखर चुका है। नीतीश कुमार अलग हो चुके हैं।
मौजूदा दौर में अखिलेश यादव, ममता बनर्जी जैसे नेता अब कांग्रेस से अलग होते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों पार्टी चाहती है कि ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन का नेतृतव करे। इसका समर्थन लालू यादव से लेकर अखिलेश यादव जैसे नेता भी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ सपा उद्योगपति गौतम अडानी के मुद्दे पर भी कांग्रेस के साथ नजर नहीं आई। इस मुदद्े को लेकर कई पार्टी कांग्रेस के साथ नजर नहीं आती है।
वहीं अब दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन कर अब अखिलेश ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी का यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जनाधार है। अभी पार्टी के पास लोकसभा की 37 सीटें हैं। ऐेसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस कई पार्टियों के साथ तालमेल बैठाने में नाकाम साबित हो रही है।
आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस के साथ नजर नहीं आ रही है। उसने कई राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिए और कांग्रेस की उस वजह से हार का मुंह देखना पड़ा।
सीपीएम के साथ कांग्रेस के रिश्तों में दराद हो चुकी। केरल में दोनों पार्टियों पहले से आमने-सामने चुनाव लड़ रही है, लेकिन हाल के दिनों में दोनों की लड़ाई में तेजी आई है।