जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पंजाब में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस वहां पर दोबारा सत्ता में वापसी करना चाहती है लेकिन वहां पर पार्टी के अंदर कुछ भी ठीक नहीं है।
ऐसी खबरे बराबर मिल रही है। दरअसल पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच रार अब खुलकर सामने आ गई है।
मामला इतना ज्यादा बढ़ गया है कि सोमवार को राज्य के 25 विधायक और मंत्री दिल्ली पहुंचे हैं। हालांकि कांग्रेस के बड़े नेता चाहते हैं कि दोनों के बीच चली आ रही तनातनी किसी भी तरह से खत्म होनी चाहिए।
राज्य के 25 विधायक और मंत्री सोनिया गांधी की बनाई तीन सदस्यीय समिति के साथ बैठक करने की खबर आ रही है। माना जा रहा है कि केंद्रीय कमेटी बात कर सुलह का रास्ता निकालेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कैप्टन और सिद्धू के रिश्तों में आई खटास खत्म हो सकेगी?
उधर इस बैठक को कांग्रेस का कुछ और कहना है। पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि एक बैठक मंथन करने के लिए थी।
किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि पंजाब और कांग्रेस को लेकर बात हुई है। ये अभी खत्म नहीं हुई है, कम से कम तीन दिन तक बैठकें चलेंगी। विधायक, सांसद और संगठन के नेता मिलकर इस पर बात करेंगे कि कैसे पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जाए।
पहले दिन ये नेता पहुंचे बैठक में
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय कमेटी के साथ जो बैठक सोमवार को हुई है, उसमें कैबिनेट मंत्रियों में ब्रह्म मोहिंद्रा, मनप्रीत बादल, ओपी सोनी, साधु सिंह धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा, अरुणा चौधरी, सुखजिंदर रंधावा, बलबीर सिंह सिद्धू शामिल है।
इस बैठक में स्पीकर राणा केपी सिंह और विधायकों में राणा गुरजीत सिंह, रणदीप सिंह नाभा, संगत सिंह गिलजियां, गुरकीरत कोटली, कुलजीत नागरा, पवन आदिया, राजकुमार वेरका, इंदरबीर बुलारिया और सुखविंदर सिंह डैनी के शामिल होने की बात सामने आ रही है।
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू इस बैठक में शामिल नहीं थे लेकिन उम्मीद की जा रही है मंगलवार को वो कमेटी के साथ बैठक कर अपना पक्ष रख सकते हैं। पिछले काफी समय से दोनों के बीच की तल्खियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।