जुबिली न्यूज डेस्क
आमतौर पर भारत के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा नहाने वालों में शुमार किये जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के चलते औसत भारतीय लोग तकरीबन रोज नहाते हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करके उनका तन और मन ना केवल तरोताजगी से भर उठता है बल्कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर लेते हैं.
दुनियाभर के स्किन स्पेशलिस्ट मानते हैं कि अगर ठंड में रोज नहीं नहा रहे हैं तो अच्छा ही कर रहे हैं. जरूरत से ज्यादा नहाना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है. वैसे गर्मियों में रोजाना नहाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन सर्दियो में बाथ किसी चुनौती से कम नहीं. कई स्टडीज में साबित हो चुका है कि स्किन में खुद को साफ करने की बेहतर क्षमता होती है. अगर आप जिम नहीं जाते या रोजाना पसीना नहीं बहाते, धूल-मिट्टी में नहीं रहते तो आपके लिए रोजाना नहाना जरूरी नहीं है.
गरम पानी से नहाना करता है नुकसान
अगर सर्दियों में गरम पानी से देर तक नहाते हैं तो ये फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है. इससे स्किन ड्राई हो सकती है. इससे शरीर का नेचुरल ऑयल निकल जाते हैं. शरीर का ये नेचुरल ऑयल हम सभी के लिए बहुत जरूरी है. ये प्रतिरोधक क्षमता को भी काम करता है. साइंस के अनुसार ये ऑयल आपको मॉइश्चराइज्ड और सुरक्षित रखने में सहायक होता है.
नाखूनों को भी पहुंचता है नुकसान
रोज गरम पानी से नहाने से आपके नाखूनों को भी नुकसान पहुंचता है. नहाते वक्त आपके नाखून पानी अवशोषित कर लेते हैं. फिर सॉफ्ट होकर टूट जाते हैं. इससे भी नेचुरल ऑयल निकल जाता है, जिससे ये रूखे और कमजोर हो जाते हैं.कोलंबिया यूनिवर्सिटी की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एलाइन लारसन ने एक अध्ययन किया था, “रोजाना नहाने से स्कीन रूखी और कमजोर पड़ जाती है. इससे संक्रमण का खतरा बहुत तेजी से बढ़ता है. इसलिए रोज नहीं नहाना चाहिए.
भारत नहाने में सबसे आगे
एक हालिया सर्वे में पता चला कि नहाने के मामले में दुनिया में शीर्ष देशों में भारत, जापान और इंडोनेशिया के लोग कहीं आगे हैं. अमेरिका व पश्चिम के देशों के कई शोधों में यह साबित होता है कि रोजाना नहाना महज पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक तौर पर भी हानिकारक है.