Tuesday - 29 October 2024 - 2:36 PM

क्या इन वर्गों पर होने वाला अपराध BJP का सुनियोजित एजेण्डा है ?

जुबिली न्यूज़ डेस्क

उत्तर प्रदेश में बढ़ते दलित एवं महिला उत्पीड़न खासतौर से बलात्कार, गैंगरेप और हत्या के मामले को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनु.जाति विभाग के चेयरमैन डॉ नितिन राउत व कैबिनेट मंत्री महाराष्ट्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में बढ़ते दलित और महिलाओं पर होने वाले जघन्य अपराधों पर नाराजगी व्यक्त की है।

पत्र में उन्होने लिखा है कि विगत दो-तीन वर्षों में इन अपराधों में अचानक बाढ़ सी आयी है ऐसा लगता है कि दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर होने वाले अपराध फासिस्टवादी भाजपा का सुनियोजित एजेण्डा है।

पत्र में उन्होने हाथरस, बाराबंकी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि पिछले चार वर्षों में महिलाओं पर होने वाले अपराधों में 67 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एफआईआर तक दर्ज नहीं की रही हैं। रेप केसों की जांच और कोर्ट की प्रक्रिया बेहद धीमी है।

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का नया नामकरण !

उन्होने आगे लिखा है कि दलितों पर होने वाले हिंसा में अचानक से तेजी आयी है। जूते की माला पहनाना, नग्न परेड कराना, मैला उठाने के लिए दबाव डालना, शमशान घाट पर शवों को न जलने देना, सार्वजनिक स्थलों पर गाली-गलौच करना, दलित समाज के लेागों की जबरन जमीनों पर कब्जा करना आदि घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

देश भर में महिलाओं के प्रति होने वाले कुल अपराधों में अकेले यूपी में 15 प्रतिशत घटनाएं घट रही हैं औसतन 164 मामले रोजाना हो रहे हैं। हाथरस गैंगरेप के बाद प्रदेश में बलरामपुर, बुलन्दशहर, आजमगढ़ में रेप की घटनाएं देखने को मिली हैं जिसमें 8 वर्ष से लेकर 22 वर्ष तक की औरतों के साथ रेप हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें : अपनी गर्दन रेतकर श्रद्धालु बोला- मां को धरती पर आना होगा, मेरे साथ न्याय करना होगा

दलितों और महिलाओं पर होने वाले अपराधों में यह वृद्धि बताती है कि यूपी में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। उन्होने महामहिम जी से मांग की है कि यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

डॉ नितिन राउत

आलोक प्रसाद को राजनैतिक द्वेष के चलते जेल भेजा 

डॉ नितिन राउत ने महामहिम राज्यपाल को एक दूसरा पत्र लिखकर यूपी कांग्रेस कमेटी अनुसूचित विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद को राजनैतिक द्वेष के चलते फर्जी मुकदमा लादकर जेल भेजने के सम्बन्ध में लिखा है कि आलोक प्रसाद एक सम्मानित परिवार के सदस्य हैं वो पूर्व राज्यपाल स्व0 सुखदेव प्रसाद के पुत्र और वर्तमान में उ0प्र0 कांग्रेस के अनु0जाति विभाग के चेयरमैन हैं।

जिस घटना में उन्हें फंसाया जा रहा है वह उस घटना के दिन सुबह से शाम तक लखनऊ में नहीं थे। यूपी सरकार कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।

पत्र में उल्लेख करते हुए उन्होने लिखा है कि आलोक प्रसाद जी दिनांक 11 अक्टूबर को अपने आवास से प्रातः 10 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे और उसके बाद कानपुर के घाटमपुर वि0स0 क्षेत्र के लिए चले गये और रात्रि लगभग 9.30 बजे अपने आवास पर आ गये। अगले दिन 12 अक्टूबर को प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन पर चर्चा की।

13 अक्टूबर को कुछ कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस कार्यालय से ही बांगरमऊ वि0स0 क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए गये और पूरे दिन रहकर सभाएं कीं जिसकी फोटो कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड भी की गयी थी। उसी दिन लगभग 4 बजे लखनऊ के लिए प्रस्थान किया और सायं 7 बजे आवास पहुंचकर विश्राम करने चले गये (इसी दिन दोपहर में आत्मदाह की घटना घटी)।

उसी रात्रि में हजरतगंज पुलिस ने रात्रि में लगभग 1.30 बजे बिना वारंट के गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया जिसकी सीसीटीवी रिकार्डिंग पड़ोस के घर में लगे कैमरे में मौजूद है।

उ0प्र0 की योगी आदित्यनाथ सरकार दलित विरोधी मानसिकता के चलते हर उस आवाज को दबाना चाहती है जो दलितों के ऊपर हुए जुल्म के खिलाफ उठती है।

आलोक प्रसाद सदैव दलित समाज के बीच रहते हुए दलित समाज के हक और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं इसलिए उन्हें झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल में डालने का काम योगी सरकार ने किया है।

उन्होने पत्र के माध्यम से महामहिम जी से मांग की है कि आलोक प्रसाद से राजनीतिक विद्वेष के चलते जो फर्जी मुकदमें दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया है उसको वापस लेकर उनकी रिहाई के निर्देश सरकार को निर्गत करने का कष्ट करें।

यह भी पढ़ें : Bihar : क्या मुस्लिम-यादव गठजोड़ महागठबंधन को दिलाएगा सत्ता

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com