Saturday - 26 October 2024 - 11:52 AM

क्या खतरे में है सीएम त्रिवेंद्र की कुर्सी ?

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तराखंड के सियासी गलियारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हैं। उनकी कुर्सी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

पिछले काफी दिनों से उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर माहौल गर्म है। आज एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म हो गया तब त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

रावत दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। वहीं, आज शाम को पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक भी है।

इस बैठक में इस बात पर फैसला होगा कि उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन किया जाए या फिर त्रिवेंद्र सिंह को आगामी विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखा जाए।

अगले साल 2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि अगर भाजपा शीर्ष नेतृत्व उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन करने का मन बनाता है तो सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज रेस में सबसे आगे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के साथ कई विधायकों ने भी दिल्ली की दौड़ लगाई है। आज महिला दिवस के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र का ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में कार्यक्रम भी था।

शनिवार से उत्तराखंड में बीजेपी में मचे राजनीतिक भूचाल के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें काफी तेंज हो गई हैं। शनिवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में शनिवार को ही बजट सत्र के दौरान ही मुख्यमंत्री देहराूदन पहुंच गए थे।

शनिवार को ही कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें सीएम सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता सहित विधायकों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में झारखंड के पूर्व सीएम रमन सिंह सहित भाजपा प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी थे।

हालांकि बैठक के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर लगाम लगा दिया था लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री रावत के दिल्ली रवाना होने के बाद अटकलों का बाजार दोबारा गर्म हो गय है।

ये भी पढ़े : मतदाताओं को लुभाने के लिए बंगला गीत गायेंगे भाजपा नेता!

ये भी पढ़े : महिला दिवस : इस मौके पर दिल्ली पहुंच रही करीब 40 हजार महिलाएं

ये भी पढ़े : कितनी सशक्त हुईं महिलाएं ? 

बीजेपी में नेता बदलने की पहले से परंपरा

बीजेपी में मुख्यमंत्री बदलने की परंपरा उत्तराखंड के गठन से बाद से ही होती रही है। सबसे पहले नित्यानंद स्वामी को हटाकर उनके स्थान पर भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। फिर भुवन चंद्र खंडूड़ी को हटाकर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को सीएम बनाया गया था। इसके बाद फिर अगला चुनाव खंडूड़ी के नाम पर लड़ा गया। इसी तरह त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बने चार साल पूरे हो रहे हैं।

बंट सकते हैं दायित्व

बीजेपी संगठन में कुछ और वरिष्ठ नेताओं को दायित्व दिए जा सकते हैं। विभिन्न आयोग, परिषद और निगमों में सरकार अब तक करीब 95 लोगों को दायित्व दे चुकी है पर इनमें कई जिलों का प्रतिनिधित्व बहुत कम है।

ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी में मचे सियासी घमासान क बाद सरकार सतर्क मोड पर है और असंतुष्ट सीनियर विधायकों को कैबिनेट में जगह देकर गुबार को शांत करने का प्रयास कर सकती है।

ये भी पढ़े : देश में एक साथ दो महाकुंभ

ये भी पढ़े : कोरोना से बचाव के लिए भाजपा मंत्री ने बताया उपाय, कहा- गाय के गोबर के कंडे पर घी…

ये भी पढ़े : खट्टर अविश्वास प्रस्ताव जीत पाएंगे?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com