जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कर्नाटक से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। दरअसल मुडा स्कैम में फंसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें तब बढ़ गई जब कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुडा स्कैम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
मुडा स्कैम अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए अब गले की हड्डïी बनता हुआ जरूर नजर आ रहा है। मुडा स्कैम में मुख्यमंत्री की पत्नी बीएम पार्वती मुख्य आरोपी हैं। मामला यहीं पर खत्म नहीं होता है बल्कि उन पर गलत तरीके से मैसूर में जमीन लेने का आरोप है।
इसके बाद से वहां की राजनीति में भूचाल आ गया है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अब जेल जाने तक नौबत आ गई है क्योंकि अगर आप भारतीय राजनीति के इतिहास को देखेंगे तो साफ हो जायेगा कि जब-जब किसी घोटाले के आरोप को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ राज्यपाल ने केस चलाने की अनुमति दी है, तब-तब मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुए हैं।
ऐसे में कहा जा रहा है कि उनको भी जेल जाना पड़ सकता है। हालांकि अभी तक इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किसी भी तरह से कोई बयान नहीं दिया है और चुप्पी सांध रखी है।
क्या है पूरा मामला
2021 में, MUDA ने विकास के लिए केसर गांव में उनकी 3 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी। बाद में मैसूर के एक रिच शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया।
आलोचकों का दावा है कि आवंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा थी। कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर MUDA भूमि को पारिवारिक संपत्ति के रूप में दावा करने को लेकर डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है। इस शिकायत की जांच के लिए अभी राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत है। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।