जुबिली न्यूज डेस्क
देश की कैबिनेट की बैठक और गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद आम जन मानस में यह धारणा बन रही हैं कि जम्मू कश्मीर के संबंध में लागू संविधान की धारा 370 खत्म हो गई है । सोशल मीडिया पर रेडीमेड संदेशों की बाढ़ सी आई हुई है लेकिन जो सरकार ने गजट किया है , वह क्या वास्तव में यह घोषित करता है कि धारा 370 खत्म हो गई है ?
इस संबंध में कुछ बातें जान लेना जरूरी है । साथ ही यह भी जान लेना जरूरी है कि इस धारा में संशोधन पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि इसके पहले भी 2 संशोधन हो चुके हैं । राज्य सभा में बोलते हुए खुद अमित शाह ने कहा – कि यह पहली बार नहीं है। 1952 और 1962 में कांग्रेस ने इसी तरह की प्रक्रिया के जरिए अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था ।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के संविधानविदों का कहना है कि सरकार ने आर्टिकल 370 को नहीं छेड़ा है बल्कि उसके अनुबंधों में बदलाव की सिफारिश की है, क्योंकि संविधान ने आर्टिकल 370 के पहले दो उपबंधों में संशोधन को लेकर कोई व्याख्या नहीं की थी ।
संविधान के आर्टिकल 370 का उपबंध 3 कहता है कि राष्ट्रपति चाहें तो अधिसूचना जारी कर आर्टिकल 370 को खत्म कर सकते हैं या उसमें बदलाव कर सकते हैं, लेकिन, ऐसा करने से पहले उन्हें राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी। मगर मोदी सरकार इस अनुबंध पर फिलहाल मौन है । यहां तक कि इस अनुबंध को छेड़ा भी नहीं गया है ।
संविधान में यह भी साफ लिखा है कि इस आर्टिकल में जो भी प्रावधान है, यदि राष्ट्रपति चाहें तो आमसूचना के जरिए ये घोषित कर सकते हैं कि वो इस धारा के निष्पादन पर रोक लगा रहे हैं या इसे सीमित कर सकते हैं या उसमें आवश्यक संशोधन कर सकते हैं । हालांकि संविधान ये कहता है कि इसके लिए उन्हें राज्य की निर्वाचित सरकार से उपबंध (2) के तहत सिफारिश मिलनी चाहिए, तभी राष्ट्रपति ऐसा कदम उठा सकते हैं ।
5 अगस्त को सरकार के विधि और न्याय मंत्रालय ने जो गजेटियर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जारी किया, उसमें साफ है कि 370 के खंड एक और दो में समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के पास निहित होंगी और वो समय-समय पर जम्मू-कश्मीर में बदलाव के लिए संविधान में नए संशोधित भी कर सकते हैं. नए कानून का नाम जम्मू-कश्मीर आदेश 2019 है ।
आर्टिकल 370 पर जारी अधिसूचना के उपबंध 1 और उपबंध दो में साफ कर दिया गया है कि भविष्य में राष्ट्रपति इसमें बदलाव करते रहेंगे. अब इस राज्य की समस्त ताकत राष्ट्रपति के पास निहित होंगी ।
35 ए के फैसले से बढ़ेंगी नई चुनौतियाँ
सरकार ने जिस अनुछेद 35 ए को समाप्त करने की पहल की है , उसके बाद देश के दूसरे राज्यों में लागू इस तरह के प्रतिबंध को खत्म करने का दबाव भी बढ़ेगा ।
क्या है अनुच्छेद 35A?
-अनुच्छेद 35A से जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते हैं ।
-14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे वही स्थायी निवासी ।
– स्थायी निवासियों को ही राज्य में जमीन खरीदने, सरकारी रोजगार हासिल करने और सरकारी योजनाओं में लाभ के लिए अधिकार मिले हैं ।
इसी तरह के प्रावधान , हिमाचल प्रदेश , उत्तराखंड सहित नार्थ ईस्ट के कई राज्यों में भी लागू है । अब ये भी सवाल उठेगा कि सरकार क्या दूसरे राज्यों से भी ये प्रतिबंध समाप्त करेगी ?
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