न्यूज डेस्क
अमेरिका और ईरान में जंग की आशंका के बीच इराक में अमेरिकी सेना के ठिकानों पर हमला हुआ है। सैन्य ठिकानों पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है। खबरों के मुताबिक दर्जन भर से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए हैं। ये हमले अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर हुए हैं।
#WATCH: Iran launched over a dozen ballistic missiles at 5:30 p.m. (EST) on January 7 and targeted at least two Iraqi military bases hosting US military and coalition personnel at Al-Assad and Irbil, in Iraq. pic.twitter.com/xQkf9lG6AP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
इस हमले के बाद अमेरिका ने इराक और ईरान के ऊपर से अपने विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी है। अमेरिका की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोई भी एयरलाइन ईरान और इराक के एयरस्पेस में उड़ान नहीं भरेगा। वहीं, इस हमले के बाद ताइवान एयर और चीन ने ईरान और इराक से अपने विमानों की आवाजाही रोकने की घोषणा कर दी है।
बता दें, अल असद के जिस ठिकाने पर ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला है, वहां 2018 में डोनाल्ड ट्रंप गए थे। अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी शुक्रवार को तेज हो गई थी, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनातनी शुरू हुई थी। ईरान ने बदला लेने की धमकी दी है, जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल ही कहा था कि इसके बुरे नतीजे होंगे।
🎥 «انتقام سخت» آغاز شد/ حملات سنگین موشکی سپاه به پایگاه آمریکایی عینالاسد pic.twitter.com/sbw0cwGH6B
— خبرگزاری فارس (@FarsNews_Agency) January 7, 2020
हालांकि हमले से पहले इराकी संसद में विदेशी सेना को लौटाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद इस्लामिक स्टेट (आईएस) से लड़ रहे अमेरिकी अगुआई वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ने अपनी सेना को वापस भेजने की तैयारी शुरू कर दी।
टास्क फोर्स इराक के कमांडिंग जनरल अमेरिकन मरीन कॉर्प्स के ब्रिगेडियर विलियम एच सीली ने एक पत्र में कहा, इराक गणराज्य की संप्रभुता की रक्षा के लिए और इराकी संसद और प्रधानमंत्री के आग्रह पर सीजेटीएफ-ओआईआर (ऑपरेशन इनहेरिटेंट रिजॉल्व के नाम से प्रसिद्ध गठबंधन सेना) आगामी आंदोलन की तैयारी के लिए अगले सप्ताहों और दिनों में दोबारा तैनात होगी।
इराकी जॉइंट ऑपरेशंस कमांड को संबोधित और इराकी मीडिया की ओर से जारी पत्र की प्रमाणिकता तत्काल इराकी सेना ने पुष्टि नहीं की है। यह बयान इराकी संसद के एक प्रस्ताव पारित करने के अगले दिन आया है। प्रस्ताव में इराक में विदेशी सेना की मौजूदगी खत्म करने और उन्हें इराकी वायु और समुद्री क्षेत्र का उपयोग करने से रोकने के लिए कहा गया था।
All is well! Missiles launched from Iran at two military bases located in Iraq. Assessment of casualties & damages taking place now. So far, so good! We have the most powerful and well equipped military anywhere in the world, by far! I will be making a statement tomorrow morning.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 8, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इराक में पल-पल की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। इराक में अमेरिकी सैनिकों की अच्छी खासी मौजूदगी है, इसलिए ट्रंप उनसे जुड़ी हर स्थिति पर पैनी निगाह रख हुए हैं। व्हाइट हाउस से जारी एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान-इराक में मौजूदा हालात की जानकारी लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक की है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी स्टेफनी ग्रिशाम ने एक ट्वीट में लिखा, इराक में अमेरिकी ठिकाने पर हमले की रिपोर्ट हमें मिली है। राष्ट्रपति को इस बारे में बताया गया है और वे स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए हैं। इस बाबत उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी बात की है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक में अल-असद एयरबेस पर ईरान ने कई रॉकेट हमले किए हैं।