न्यूज डेस्क
भारत के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। गंभीर आर्थिक संकट से जुझ रहे पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सही करने के बजाए भारत के विरोध में ओछी हरकतें कर रहा है। एक तरफ जहां पाकिस्तान कश्मीर मामले को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठने जा रहा है। वहीं, ईरान में पाकिस्तान अपने दूतावास को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
दरअसल, 15 अगस्त को उत्तर पूर्व शहर मशहद स्थित पाकिस्तानी दूतावास की दीवारों पर कुछ अज्ञात लोगों ने भारत विरोधी पोस्टर लगाए थे। ‘कश्मीर सोलिडेरिटी डे’ यह पोस्टर कंस्युलेट की दीवारों पर लगाए गए थे, लेकिन आधी रात को स्थानीय पुलिस द्वारा यह पोस्टर हटा दिए गए।
ईरान ने इन तरीकों को ‘अनुशासनहीन रणनीति’ करार दिया है। तेहरान ने इस्लामाबाद को साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी तीसरे देश के खिलाफ इस तरह के पोस्टर लगाना राजनयिक मानदंडों के खिलाफ हैं। पाकिस्तान एक मौखिक नोट के जरिए जब इस मुद्दे को उठाया तो तेहरान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
वहीं, ईरान से बेईज्जत होने के बाद पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की तरफ रूख कर सकता है। सोमवार से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सत्र शुरू हो रहा है। जेनेवा में होने जा रहे इस सत्र के पहले ही दिन पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ कई तरह की दलीलें रखी जा सकती हैं। पाकिस्तान चाहेगा कि इस बैठक में कश्मीर मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाए।
जहां पाकिस्तान की तरफ से लगातार कश्मीर को लेकर झूठे सबूत इकट्ठे किए जा रहे थे, वहीं भारत ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। भारत पाकिस्तान की हर दलील का जवाब देने के लिए तैयार है।
वहीं भारत ये भी कोशिश करेगा कि अन्य सभी देश उसके समर्थन में आएं। हालांकि पहले ही कई देश कश्मीर मसले को लेकर भारत का समर्थन कर चुके हैं। इसीलिए पाकिस्तान को इस मुद्दे पर एक बार फिर मुंह की खानी पड़ सकती है।
बता दें कि जिनेवा में यूएनएचआरसी सत्र 9 सितंबर से शुरू हो रहा है और 27 सितंबर तक चलेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री कश्मीर मुद्दे को लेकर इस सत्र में अपनी दलीलें रखेंगे।
पाकिस्तान इससे पहले कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर यूएनएससी में भी अपील कर चुका है। पाकिस्तान और चीन ने भारत के खिलाफ चाल चलते हुए इस मुद्दे को यूएनएससी में उठाया था। पाकिस्तान ने परिषद से इस मुद्दे पर औपचारिक बैठक बुलाने की मांग की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।
कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तानी नेता और मीडिया लगातार दावा करते आए हैं कि यहां आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है। इसे लेकर पाकिस्तान ने कई विपक्षी नेताओं तक के बयानों का सहारा ले लिया, जिनमें कश्मीर में लगाई गई पाबंदियों का जिक्र किया गया था। हालांकि विपक्षी नेताओं ने पाकिस्तान के इस झूठ पर भारत सरकार का साथ देते हुए पाक को जमकर फटकार लगाई।