जुबिली न्यूज़ डेस्क
ईरान के गुप्त परमाणु बम कार्यक्रम के अगुआ शीर्ष वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की शुक्रवार को तेहरान के निकट घात लगाकर हत्या कर दी गई। इस घटना से तमतमाए ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामनेई के सैन्य सलाहकार और कमांडर होसैन देहघान ने फखरीजादेह के हत्यारों पर कहर बरपाने की धमकी दी है।
ईरान के विदेश मंत्री ने हत्या में इजरायल के शामिल होने के सबूत मिलने की बात कही है। उनका कहना है कि फखरीजादेह की हत्या में जो शुरुआती जानकारी मिली है उससे वैज्ञानिक की हत्या में इजरायल के शामिल होने के गंभीर सबूत मिले हैं।
Terrorists murdered an eminent Iranian scientist today. This cowardice—with serious indications of Israeli role—shows desperate warmongering of perpetrators
Iran calls on int'l community—and especially EU—to end their shameful double standards & condemn this act of state terror.
— Javad Zarif (@JZarif) November 27, 2020
1958 में जन्मे फखरीजादेह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अमेरिका ने ‘अमाद’ कार्यक्रम के लिए उन पर प्रतिबंध लगाया था। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ का कहना है कि इजरायल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। जरीफ ने ट्विटर पर लिखा,
“आतंकियों ने एक वरिष्ठ ईरानी वैज्ञानिक की हत्या कर दी। इस हत्या से इजरायल की भूमिका का पता चलता है कि इजरायल युद्ध के लिए उतावला है।” जावेद का कहना है कि मारे गए वैज्ञानिक का नाम बेंजामिन नेतन्याहू पहले एक कार्यक्रम में ले चुके हैं।
देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अहम स्थान रखने वाले प्रमुख ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह को ‘द फादर ऑफ ईरानियन बॉम्ब’ कहा जाता था। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक फखरीजादेह की तेहरान के समीप हत्या कर दी गई। उनके कार पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चलाईं जिसके बाद वह घायल हो गए। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लंबे अर्से से आरोप लगाए जा रहे थे कि फखरीजादेह 2003 में रोके गए ईरान के गुप्त परमाणु बम कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे। हालांकि ईरान परमाणु हथियार बनाने के आरोप का लगातार खंडन करता रहा है। ईरान के मिलिट्री कमांडर हुसैन देहघन ने ट्वीट किया है कि, ”हम इस हत्या का जोरदार बदला लेंगे और इस घटना के पीछे शामिल लोग अपने किए पर पछताएंगे।”
Iran said there are “serious indications of Israeli responsibility” in the assassination of an Iranian scientist and it reserves the right to defend itself, the country wrote in a letter to UN Secretary-General Antonio Guterres and the UN Security Council on Friday: Reuters https://t.co/E25s2Qpba1
— ANI (@ANI) November 28, 2020
फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इजरायल ने भी ईरान के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि मोहसिन फखरीजादेह को द फादर ऑफ ईरानियन बॉम्ब कहा जाता था।
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उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फखरीजादेह की हत्या के बाद, एक ईरानी पत्रकार योसी मेलमन के ट्वीट को रीट्वीट किया है। पत्रकार ने फखरीजादेह मोसाद की ओर से वांटेड बताया और हत्या में इजरायल की भूमिका का संकेत देते हुए इसे ईरान के लिए एक बड़ा मनोवैज्ञानिक और पेशेवर झटका बताया है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि ‘अमाद’ कार्यक्रम पूरा हो चुका है और उसके निरीक्षक ईरानी परमाणु ठिकानों की निगरानी कर रहे हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 2018 में कहा था कि ईरान अभी भी परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, क्योंकि परमाणु वैज्ञानिक ईरानी रक्षा मंत्रालय के साथ स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम पर रहे हैं। उन्होंने उस समय यह भी कहा था कि फखरीजादेह का नाम याद रखें।
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शुक्रवार को परमाणु वैज्ञानिक पर हमले की खबर आने से पहले एक इजराइली अधिकारी ने कहा था कि इजराइल ईरान से निपटने के लिए अरब देशों से चर्चा कर रहा है। बता दें कि इसके पहले 12 जनवरी, 2010 में भी एक परमाणु वैज्ञानिक मसूद अली मुहम्मदी की रिमोट बम से हत्या कर दी गई थी। यद्यपि उस हत्या के पीछे राजनीतिक कारण बताया गया था।
बता दें कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जोर देता है। 2010 और 2012 के बीच चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इजरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया। मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फखरीजादेह का नाम विशेष रूप से उल्लेखित किया गया था।