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ईरान ने अमेरिकी सेना के कथित जासूसी ड्रोन को मार गिराया है। इसके बाद मध्य पूर्व क्षेत्र में संकट और अधिक गहरा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ईरान की ‘बहुत बड़ी गलती’ बताया है।
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने अपने बयान में कहा है कि 20 जून को देश की सीमा में प्रवेश करने वाले एक अमेरिकी जासूसी ड्रोन को मार गिराया गया है।
अमेरिकी अधिकारियों ने ड्रोन को मार गिराने की बात को सही माना है। हालांकि अमेरिका ने ड्रोन के ईरान की सीमा में जाने से इनकार किया है। बयान में कहा गया है कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में होमरूज के पास था। यह महत्वपूर्ण जलमार्ग है।
रिवॉल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख मेजर जनरल होसिन सलामी ने कहा कि ड्रोन को गिराकर उसने अमेरिका को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे दुश्मनों को सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि वह हमारी स्वायत्तता, राष्ट्रीय सुरक्षा और महान ईरान राष्ट्र के राष्ट्रीय हितों का सम्मान करे।
उन्होंने कहा कि ईरान लड़ाई नहीं चाहता है, लेकिन वह लड़ाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। ईरान की सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ड्रोन को पर्शियन गल्फ के दक्षिण स्थित अमेरिका के बेस से लांच किया गया था और यह ईरान के चाहरबहार में प्रवेश किया था।
ईरान ने अमेरिका पर वायुसीमा का उल्लंघन और जासूसी का आरोप लगाया है। विदेश मंत्री सैयद अब्बास मौसावी ने इसे उकसाने वाला घटना करार दिया है।