जुबिली न्यूज डेस्क
ईरान की मीडिया ने शुक्रवार को जेल में बंद राइट्स कैंपेनर नरगिस मोहम्मदी को 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के ऐलान की आलोचना की. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक ईरानी मीडिया ने कहा कि मोहम्मदी ने ‘आतंकवादी समूहों के साथ सहयोग किया’ और ‘ईरानी विरोधी गतिविधियां’ में भाग लिया.
बता दें 51 वर्षीय पत्रकार और एक्टिविस्ट ने पिछले दो दशकों का अधिकांश समय कई आरोपों का सामना करने में बिताया है, जिसमें राज्य विरोधी प्रचार फैलाना और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ कार्य करना शामिल है. वह नवंबर 2021 से जेल में बंद है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने मोहम्मदी को शांति पुरस्कार देने को ‘पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक’ कदम बताया. ईरानी मीडिया ने भी उनकी और पुरस्कार की आलोचना की. आधिकारिक IRNA समाचार एजेंसी ने ‘आतंकवादी समूहों के साथ सहयोग करने वाली महिला’ को पुरस्कार देने के लिए नोबेल समिति की आलोचना की और जो ‘अपने ही देश में, विशेषकर ईरानी महिलाओं के बीच अज्ञात है.’
इसने कहा कि मोहम्मदी को शांति पुरस्कार देना एक ‘हस्तक्षेपवादी कृत्य’ था जिसका उद्देश्य ‘मानव अधिकारों की अवधारणा का राजनीतिकरण करना’ था. वहीं सुधारवादी मीडिया आउटलेट्स ने मोहम्मदी को पुरस्कार दिए जाने की खबर प्रकाशित की, लेकिन बिना कोई टिप्पणी किए.
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महसा अमिनी की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शन
मोहम्मदी ने उस विरोध आंदोलन के लिए समर्थन व्यक्त किया था जिसने 16 सितंबर, 2022 को महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद ईरान को हिलाकर रख दिया था. 22 वर्षीय ईरानी कुर्द अमिनी को महिलाओं के लिए इस्लामी गणतंत्र के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अमिनी की मौत के बाद महीनों तक प्रदर्शन हुए, जिसे ईरान के अधिकारियों ने विदेशी सरकारों द्वारा भड़काए गए ‘दंगे’ का नाम दिया.
ईरानी अभिनेत्रियों ने मोहम्मदी को दी बधाई
कई ईरानी अभिनेत्रियों ने दी बधाई विरोध आंदोलन का समर्थन करने के लिए 2022 में हिरासत में ली गई कई ईरानी अभिनेत्रियों ने मोहम्मदी को बधाई दी. कातायुन रियाही, जिन्हें पिछले नवंबर में गिरफ्तार किया गया था और एक सप्ताह से अधिक समय के बाद रिहा किया गया था, ने इंस्टाग्राम पर ‘हमारे सम्मान जो जेल में हैं’ को दिए गए नोबेल पुरस्कार मिलने का स्वागत किया.