न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सूबे की कानून व्यवस्था को सही करने के लिए राज्य में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने जा रहे हैं। कैबिनेट से मुहर लगने के बाद राजधानी लखनऊ और दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में कमिश्नरों की तैनाती की जाएगी। कुछ दिन पहले हुए आईपीएस तबादलों के बाद इन दोनों जिलों में कप्तान की कुर्सी खाली है।
सूत्रों की माने तो ऐसी संभावना है कि सरकार बाई सर्कुलेशन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। जिसके बाद लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरों की तैनाती की जाएगी। यूं तो कमिश्नर पद के लिए कई नामों की चर्चा हो रही है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि 1990 बैच के आईपीएस एसएन रावत लखनऊ के पहले कमिश्नर बनने की रेस में सबसे आगे हैं। वहीं नोएडा के लिए एडीजी मेरठ आलोक कुमार और प्रशांत कुमार के नामों की चर्चा चल रही है।
सूत्रों की माने तो शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस कमिश्नरी प्रणाली पर मंथन किया था। इस दौरान गुरुग्राम और मुंबई मॉडल पर चर्चा की गई थी।
गौरतलब है कि लखनऊ और नोएडा के एसएसपी का तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह अभी तक किसी की तैनाती नहीं की गई है। ऐसे में संभावना है कि सरकार बाई सर्कुलेशन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली के पीछे योगी सरकार का तर्क यह है कि इससे जिलों की कानून व्यवस्था बेहतर होगी। इसके बाद कानून और व्यवस्था सहित तमाम प्रशासनिक अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास रहेंगे।