जुबिली न्यूज़ डेस्क
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृति के संबंध में 04 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे अपने पत्र के कुछ अंश आज सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किये।
पत्र में अमिताभ ने लिखा था कि उन्हें विश्वस्त सूत्रों से बताया गया है कि उनके कथित रूप से असुविधाजनक और अप्रिय होने, ‘मुकदमेबाज’ होने, आपराधिक वाद दायर करने अथवा प्रशासनिक कार्यवाही करने की मांग करने के कारण उन्हें अत्यंत उच्चस्तरीय दवाब में अनिवार्य सेवा निवृति देकर नौकरी से अलग करने के उच्चस्तरीय मौखिक निर्देश हुए हैं, जिसका शीघ्र क्रियान्वयन होगा।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ तो यह घोर अन्यायपरक एवं मनमाना होगा, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था में अवांछित कर्मी को अलग करना नहीं बल्कि इस प्रावधान का गलत प्रयोग करते हुए व्यवस्था में ताकतवर स्थानों पर बैठे तमाम व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय व्यक्ति को व्यवस्था से अलग करना होगा, जो अनुचित उद्देश्य से संचालित होगा।
अमिताभ ने कहा था कि वे किसी भी प्रकार से अवांछित कर्मी नहीं हैं बल्कि यह संभव है कि वे व्यवस्था में बैठे ताकतवर लोगों के लिए असुविधाजनक तथा अप्रिय होवें। उन्होंने अपने ऊपर फर्जी ढंग से विभागीय कार्यवाही शुरू करने तथा उन्हें लम्बे समय तक जानबूझ कर लंबित रखे जाने की बात भी कही थी।
आज अपने पोस्ट में अमिताभ ने कहा कि “जबरिया सेवानिवृति” के संबंध में 04 दिसंबर 2019 को सरकार को लिखा उनका पत्र आज अत्यंत प्रासंगिक दिखता है।