जुबिली स्पेशल डेस्क
इंडियन प्रीमियर लीग का रोमांच अब लोगों पर सर चढक़र बोल रहा है। लोग अपने चहेते सितारों को देखने के लिए स्टेडियम पहुंच रहे हैं। हर शहर क्रिकेट की खुमारी में डूब गया है लेकिन इस दौरान आईपीएल से जुड़ी खबर तेजी से वायरल हो रही है। ये खबर टीम इंडिय़ा के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिग्स की टीम को बैन करने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये खबर तेजी से वायरल हो रही है।
दरअसल तमिलनाडु विधानसभा में आईपीएल को लेकर जमकर बहस देखने को मिली है। इतना ही नहीं मामला काफी गरमाता हुआ नजर आ रहा है।
मंगलवार को पीएमके विधायक ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए सीएसके पर बैन लगाने की मांग कर डाली है। उन्होंने तर्क दिया कि चेन्नई पर इसलिए बैन लगना चाहिए क्योंकि टीम में कोई तमिल खिलाड़ी नहीं है। विधानसभा में खेल पर बजट चर्चा के दौरान, धर्मपुरी के पीएमके विधायक वेंकटेश्वरन ने सदस्यों को झटका देते हुए सीएसके पर प्रतिबंध लगाने की मांग की उठाई है।
वेंकटेशन का कहना है कि हालांकि चेन्नई सुपर किंग्स तमिलनाडु से है, लेकिन तमिल युवाओं को महत्व नहीं दिया गया है और तमिलनाडु के खिलाड़ी तो इस टीम में हैं ही नहीं।वेंकटेशन ने CSK पर विज्ञापन देने का आरोप लगाया कि यह तमिलनाडु की एक टीम है जो राजस्व कमा रही है जबकि राज्य का कोई भी खिलाड़ी मौजूद नहीं है।
पीएमके विधायक वेंकटेश्वरन ने मीडिया से बातचीत में कहा, कई लोगों ने मुझे बताया है. यहां बहुत सारे खेल खिलाड़ी हैं चेन्नई सुपर किंग्स के नाम पर तमिलनाडु की राजधानी का नाम है।
कई लोगों ने मुझसे कहा कि ऐसा नाम रखना और एक भी खिलाड़ी का न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने इसे केवल विधानसभा में प्रतिबिंबित किया है।
उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर मंत्री ने विधानसभा में जवाब नहीं दिया है। मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री और खेल मंत्री कार्रवाई करेंगे। तमिलनाडु में अगर तमिल के व्यक्ति को महत्व नहीं दिया गया तो उन्हें कहीं और नहीं मिलेगा। वहीं पास को लेकर भी बवाल मचा हुआ है।
एसपी वेलुमणि का कहना है कि राज्य में AIADMK की सरकार थी तो उन्हें मैच के पास दिए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार को क्रिकेट के 400 पास मिले हैं, लेकिन AIADMK के विधायकों को एक भी पास नहीं दिया गया।
उधर इस पूरे मामले में तमिलनाडु क्रिकेट संघ और बीसीसीआई के साथ-साथ चेन्नई सुपरकिंगस ने अपनी चुप्पी साध रखी है और इस पर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन इस बहस को जन्म जरूर दिया है क्या चेन्नई के टीम में स्थानीय खिलाडिय़ों को जगह दी चाहिए।