जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना के बावजूद इंडिया प्रीमियर लीग का 13 वां सीजन हिट साबित हो रहा है। मैदान के बाहर भले ही दर्शक न हो लेकिन 22 गज की पिच पर खिलाड़ी उसी जोश के साथ उतर रहे हैं जैसे पहले खेलते थे।
आईपीएल का मौजूदा सीजन अब अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। प्ले ऑफ कौन सी टीमों की इंट्री होगी, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है।
हालांकि तीन टीमें-मुम्बई, दिल्ली, बेंगलूरु की टीम लगभग प्ले ऑफ में पहुंच गई है लेकिन चौथी टीम कौन सी होगी ये अब तक साफ नहीं हो सका है।
केकेआर, पंजाब और हैदराबाद व राजस्थान की टीम प्लेऑफ में पहुंचने के लिए जोर लगा रही है। उधर आईपीएल शुरू होते ही सट्टेबाज भी सक्रिय है।
इस बार के आईपीएल में जमकर सट्टेबाजी हो रही है। कोरोना की वजह से लोग स्टेडियम में मैच नहीं देख पा रहे हैं। ऐसे में टीवी और मोबाइल या फिर अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोग घर बैठे मैच देख रहे हैं लेकिन कुछ लोग इसी की आड़ में करोड़ों का सट्टा लग रहा है।
जानकारी के मुताबिक कुछ लोग मोबाइल के सहारे भी लगा रहे हैं। आलम तो यह है कि व्हाट्सअप के माध्यम से ग्रुप बनाया जा रहा है और इसी ग्रुप में भाव भी तय किया जाता है। इसके आलावा ऐप के माध्यम से जमकर सट्टेबाजी की जा रही है।
बता दें कि यूएई में चल रहे आईपीएल मुकाबलों पर सट्टा लगाने वाले 2 सटोरियों को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी दस्तावेज से हासिल मोबाइल सिम कार्ड, इंटरनेट और अवैध वेबसाइट के माध्यम से सट्टेबाजी कर रहे थे।
जानकारी के मुताबिक सट्टेबाजी का नया जुगाड़ खोजा गया है। इसके तहत एक मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रतिदिन लाखो रुपये सट्टïा लगाकर अच्छी रकम कमायी जा रही है।
ऐसे हो रही मोबाइल एप से सट्टेबाजी
आईपीएल यूएई में हो रहा है लेकिन कुछ लोग मोबाइल एप के माध्यम से सट्टा लगाकर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक यूजर आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाता है।
इसके बाद मोबाइल पर ऐप को डाउनलोड किया जाता है। जानकारी यहां तक मिल रही है कि एक दूसरा मोबाइल एप है, जिसे सामान्य लोग गूगल एप से डाउनलोड कर सकते हैं। हालांकि इसको लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं है।
ये ऐप ऐसे काम करता है
- इस ऐप में मैच का स्कोर और मैच का भाव लगातार बताता रहता है।
- स्कोर से साथ साथ सेशन और टीम का भाव बढ़ता घटता रहता है।
- आम आदमी इसे देखकर ही मैच में पैसा लगाता है।
- मोबाइल एप की व्यवस्था इतनी फुलप्रुफ है कि किसी को भनक नहीं लगती कि अगला सट्टा खेल रहा है या फिर मैच का स्कोर देख रहा है।
- सट्टेबाज इसी का फायदा उठाकर प्रतिदिन करोड़ों का वारा न्यारा कर रहे हैं।
- आईपीएल के मैच में सटोरिये हारने वाली और जीतने वाली दोनों टीमों पर पैसा लगवाते हैं। सट्टेबाजों की भाषा में जीतने रही टीम पर पैसा लगाने को ‘लगाई’ और हार रही टीम पर पैसा लगाने को ‘खाई’ कहा जाता है।
अगर हार रही टीम ने आखिरी में शानदार प्रदर्शन किया और वह जीत गई तो सटोरियों को भारी नुकसान होता है। खाई टीम पर पैसा अगर 1200 लगाया गया तो सटोरिये को दस हजार देने होते हैं।
सेशन के आधार पर खेला जाता है सट्टा
- प्रत्येक मैच में तीन सेशन होते हैं
- पहला सेशन : पहले खेलने वाली टीम के ओवर से लेकर छह ओवर तक
- दूसरा सेशन : सात ओवर से लेकर 20 ओवर तक
- तीसरा सेशन : बाद में खेलने वाली टीम का सिर्फ एक सेशन होता है।
- सट्टेबाज प्रत्येक सेशन के साथ चौकों, छक्कों, विकेट और रन पर भी पैसे लगाते हैं। बताया जा रहा है कि विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से सट्टेबाजी की जा रही है।
गूगल ने क्या दी थी सफाई
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि हम ऑनलाइन कैसिनो की अनुमति नहीं देते हैं या खेलों में सट्टेबाजी की सुविधा देने वाले किसी भी अनियमित जुआ ऐप का समर्थन नहीं करते हैं।
इसमें वे ऐप शामिल हैं जो ग्राहकों को किसी ऐसी बाहरी वेबसाइट पर जाने के लिए प्रेरित करते हैं, जो धनराशि लेकर खेलों में पैसा या नकद पुरस्कार जीतने का मौका देती है। यह हमारी नीतियों का उल्लंघन है।
ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि ये नीतियां उपयोगकर्ताओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हैं। हालांकि, गूगल ने यह साफ नहीं किया है कि क्या इस आधार पर किसी ऐप को हटाया गया है या नहीं।
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