न्यूज़ डेस्क
मुम्बई। बीते सप्ताह तेजी में रहने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा अगले सप्ताह वैश्विक रुख, कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढाव, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश, वाहन बिक्री के आंकड़ों के अलावा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 279.48 अंक छलांग लगाकर 39,714.20 अंक पर तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 78.70 अंक की साप्ताहिक बढ़त के साथ 11,922.80 अंक पर बंद हुआ।
दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मंझोली कंपनियों के प्रति भी निवेशकों का रुझान गत सप्ताह बना रहा, जिससे बीएसई का मिडकैप 150.94 अंक की साप्ताहिक तेजी के साथ 15,096.18 अंक पर और स्मॉलकैप 168.48 अंक की साप्ताहिक बढ़त के साथ 14,867.04 अंक पर बंद हुआ।
अगले सप्ताह सोमवार को विनिर्माण क्षेत्र और बुधवार को सेवा क्षेत्र के आंकड़े जारी होने हैं, जो निवेश धारणा को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा गुरुवार को रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति वित्त वर्ष 2020 की दूसरी द्विमासिक नीतिगत समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों को लेकर निर्णय करेगी।
निवेशक इस बैठक के फैसले पर नजर बनाये रखेंगे। बीते सप्ताह बाजार बंद होने के बाद चौथी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े जारी किये गये थे जिसका असर सोमवार को बाजार पर दिखेगा। वाहन बिक्री के आंकड़े भी निवेशकों को प्रभावित करेंगे।
बीते सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अच्छी खासी कमी आयी जिससे घरेलू बाजार को बल मिला। भारत कच्चे तेल का बहुत बड़ा आयातक है और ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में कमी से निवेश धारणा को मजबूती मिलती है।
अमेरिका की चीन और मेक्सिको से जारी तनातनी ने अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उथलपुथल मचायी हुई है। इसके अलावा निवेशकों की नजरें अमेरिका, चीन और जापान के अगले सप्ताह जारी होने वाले विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़ों पर भी रहेगी।