स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अब वो दिन दूर नहीं है जब आप पानी और हवा में यात्रा करते हुए इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे। जी है, अब आपका सपना पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। एक भारतीय कंपनी को दूरसंचार मंत्रालय ने इसके लिए लाइसेंस दे दिया है। अब देखना ये होगा की हवा और पानी में यात्रा करने वालो को ये सौगात कब मिलेगी।
सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल का इंटरनेट अब हवा और पानी में भी चलेगा। कंपनी को दूरसंचार मंत्रालय से इसके लिए लाइसेंस मिल गया है। कंपनी अपनी विदेशी पार्टनर इनमारसैट के जरिए लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराएगी।
बीएसएनएल के इंटरनेट का प्रयोग वो सभी एयरलाइंस कर सकेगी, जो भारत में परिचालन करती हैं या फिर भारतीय हवाई सीमा से उड़ते हुए विदेश में जाती हैं। कंपनियां बीएसएनएल के केए बैंड, स्विफ्ट ब्रॉडबैंड और फ्लीट ब्रॉडबैंड सेवा ले सकेंगी। यह सेवा भारतीय समुद्री सीमा में परिचालन कर रहे पानी के जहाजों पर भी लागू होंगे।
करीब 30 विदेशी विमानन कंपनियां भारतीय हवाई सीमा से कई देशों में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी मुहैया कराती हैं। इनमें एयर एशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज समेत अन्य विमानन कंपनियां हैं। मौजूदा समय भारतीय हवाई क्षेत्र के संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश और क्रियान्वयन नियम नहीं होने की वजह से यह सेवाएं बंद हो जाती हैं।
इनमारसैट और बीएसएनएल इस साल के अंत तक अपनी सेवाओं को शुरू कर देंगे। इसके लिए कंपनी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने का काम शुरू करने जा रही है। विभाग का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियों को आय का नया जरिया मिलेगा।
इन कंपनियों ने किया था आवेदन
चार कंपनियों ने इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवाएं मुहैया कराने के लिए दूरसंचार विभाग में आवेदन किया था। टाटा टेलीनेट, ह्यूजेस इंडिया, बीएसएनएल और ओमिनी कनेक्ट थीं। इससे पहले सुरक्षा को ध्यान में रखकर विभाग समेत दूरसंचार आयोग ने यह सेवा मुहैया कराने में देसी सेटेलाइट का उपयोग करने को कहा है।
नहीं मिलती थी सफर में वाईफाई की सुविधा
अभी तक भारत में यात्रियों को विमान में सफर के दौरान वाईफाई की सुविधा नहीं मिलती है। फिलहाल लुफ्थांसा, कतर एयरवेज और स्पाइसजेट ने अपने विमानों में वाईफाई की सुविधा देने का एलान किया है। इस शुरुआत के बाद यात्री इंटरनेट के जरिए वीडियो देख सकेंगे और अपने जरूरी काम कर सकेंगे।