जुबिली न्यूज डेस्क
योग हमेशा से भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। इसीलिए योग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 21 जून को ‘इंटरनैशनल योग दिवस’ मनाया जाता है। सदियों पुरानी योग परंपरा के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में इसे सेलिब्रेट कर रहे हैं।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 9वां संस्करण मनाया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को मनाए जाने वाले 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार योग सत्र का नेतृत्व करेंगे।
योग दिवस की क्या है थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम इस बार काफी खास है। इस वर्ष की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ है। उपयुक्त रूप से इस थीम को लेकर हमारी आकांक्षा – ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य’ का वर्णन करना है।
योग दिवस का इतिहास
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में अपने 2014 के संबोधन में योग दिवस के लिए सुझाव दिया था। 11 दिसंबर 2014 को, 193 सदस्य 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए सहमत हुए। तभी 21 जून 2015 को पहली बार योग दिवस मनाया गया।
योग दिवस का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य व्यायाम के रूप में योग के बारे में लोगों को जागरुक करना है। इसमें मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए इसके व्यापक दृष्टिकोण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कल्याण की समस्या के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के संदर्भ में योग दिन के महत्व को देखा जा सकता है।
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योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
इस हॉलिडे का उद्देश्य योग का सम्मान करना है, जो भारत में उत्पन्न एक प्राचीन प्रथा है। योग तनाव और चिंता को कम करने के अलावा शारीरिक विश्राम भी प्रदान करता है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य योग के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।