न्यूज डेस्क
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अप्रैल 2018 में तीन जून को अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया। साईकिल सुगम परिवहन के लिए एक सस्ता, सरल और विश्वसनीय माध्यम है। इसके अलावा स्वच्छ और पर्यावरण के रूप में भी यह सबसे उपयुक्त साधन है। मौजूदा समय में आसमान छूती ईंधन की कीमतें, सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या और स्वास्थ्य एवं प्रदूषण के प्रति बढ़ती जागरूकता ने दुनिया को एक बार फिर साइकिल की सवारी करने पर मजबूर कर दिया है। कई देशों में साइकिल के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा हैं।
कैसे हुई स्थापना
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रोफेसर लेसज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को बढ़ावा देने के लिए अपने समाजशास्त्र वर्ग के साथ जमीनी स्तर पर अभियान को चलाया। इस अभियान में उनको तुर्कमेनिस्तान सहित 56 देशों का समर्थन हांसिल हुआ। इसमें दुनिया भर के विभिन्न प्रकार के साइकिल चालकों को दर्शाया गया है। इसका मुख्य संदेश यह है कि साइकिल मानवता से संबंधित है और कार्य करती है। आपको बता दें कि साइकिल का प्रचलन उन्नीसवीं सदी में यूरप में आरंभ हुआ था।
शीर्ष दस शहरों में आठ यूरोपीय
हाल ही में बाइसाइकिल सिटीज इंडेक्स 2019 जारी किया गया इसमें दुनिया के 90 शहरों में से नीदरलैंड्स का उट्रेच शहर 77.84 स्कोर के साथ रैंकिंग में पहले पायदान पर रहा। यह अध्ययन 16 कारकों को लेकर किया गया। इनमें से मौसम, साइकिल का इस्तेमाल, अपराध और सुरक्षा, बुनियादी ढांचा और साझा करने में शामिल हैं। खास बात यह है कि शीर्ष दस शहरों में से आठ शहर यूरोप के ही हैं।
भारत में स्थिति
वहीं, भारत जैसे देश में साइकिल से चलना लोगों को उनकी शान के खिलाफ लगता है जो की दुनिया के दूसरा सबसे बड़ा साइकिल उत्पादक देश है 40 फीसद भारतीय परिवारों के पास साइकिल होने के बावजूद आज वही साइकिल से चलते है जिनके पास कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, अब यहां भी जनमानस बदल रहा है। पर्यावरण के बारे में लोगों ने सोचना शुरू कर दिया है। साइकिल से चलने के लिए कई प्रदेशों में साइकिल ट्रैकों का निर्माण कराया गया है।
साइकिल से होने वाले फायदे
साइकिल से सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बिना किसी उत्सर्जन के ग्लोबल वार्मिंग से लड़ने में मदद करती है। वहीं काफी हद तक व्यस्ततम ट्रैफिक जाम बाधा नहीं बनते। साथ ही बिना आवाज किए ध्वनि प्रदूषण को रोकने में मदद करती है। इसके अलावा पैदल से तेज गति और आसान, बगैर ईंधन के और कम रखरखाव वाली साइकिल जेब ढीली होने से बचाती है।