अशोक बांबी
प्रधानमंत्री ने कल वाराणसी में क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास मुख्यमंत्री व महान सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी मे किया। यह पूर्वांचल क्रिकेट के लिए व खासतौर से बनारस के लिए एक अभूतपुर व ऐतिहासिक क्षण था।
वाराणसी को क्रिकेट स्टेडियम देने का निर्णय पूर्व में ही हो चुका था और मैं समझता हूं कि जल्द इसका निर्माण पूर्ण हो जाएगा और यह प्रधानमंत्री की ओर से वाराणसी के क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक विशेष उपहार होगा। काश इसकी क्षमता कम से कम 50000 होती तो ज्यादा अच्छा होता।
वैसे देखा जाए तो वाराणसी व पूर्वांचल क्रिकेट उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की नजर में हमेशा से उपेक्षित रहा है। यहां से गिने चुने ही खिलाड़ी उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी में खेल पाए हैं जबकि कई उदयमान खिलाड़ियों को मौका ही नहीं दिया गया।
वाराणसी व पूर्वांचल क्रिकेट को पूर्व में काफी नुकसान पहुंचा है। इसका केवल एक ही उपाय है कि पूर्वांचल क्रिकेट ऐसोसिएशन का गठन हो व उसको बीसीसीआई द्वारा शीघ्र मान्यता दी जाए। वैसे जनसंख्या व क्रिकेट खिलाडियो की वृहत संख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश से कम से कम चार टीमो का गठन होना चाहिए तभी उदयमान खिलाड़ियों का भला हो पायेगा।
पूर्वांचल के कई लोग इस ओर काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनको अभी तक सफलता नही मिली है। इसका एक ही उपाय कि गठन की बात प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के संज्ञान मे लाई जाये तभी पूर्वांचल क्रिकेट संघ की स्थापना होगी व क्रिकेट खिलाड़ियों का भला होगा।
वर्तमान में जो वाराणसी क्रिकेट ऐसोसिएशन को जो सज्जन कब्जाये हुए हैं वह पिछले 30 – 35 वर्षों से इस पर राज कर रहे हैं और हटने का नाम नहीं लेते। वाराणसी व पूर्वांचल क्रिकेट का तभी सुधार हो सकता है जब सक्ष्म व योग्य पूर्व खिलाड़ी सामने आए और इसकी बागडोर अपने हाथ में ले। इस क्रम मे मुकुल घोष व राना जैसे योग्य पूर्व खिलाड़ी बागडोर सम्भालने मे सक्ष्म प्रतीत होते है।
अब समय आ गया है कि पूर्वांचल क्रिकेट संघ की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री महोदय से संपर्क किया जाए और उन्हे क्षेत्र की वास्तविकता से अवगत कराया जाए। पूर्वांचल क्रिकेट संघ की स्थापना आज की परिस्थिति मे क्षेत्र के खिलाडियो के लिए अति आवश्यक है जिससे आज व भविष्य के खिलाडियो के प्रति और अवहेलना व अन्याय न हो सके।
(लेखक यूपी रणजी क्रिकेटर है हैं, इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं…ये जरूरी नहीं कि JubileePost या Jubilee मीडिया ग्रुप उनसे सहमत हो…इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है)