जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के हनुमान चौक से बीते 17 जून से लापता मासूम रितिक को पुलिस ने सही सलामत उसके परिवार को सौंप दिया है। पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि मासूम रितिक का अपहरण नरबलि देने के लिए किया गया था। पुलिस आरपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
आपको बता दे कि मामला महराजगंज थाना क्षेत्र के देवारा कदीम महरूमपुर गांव का है। यहां की रहने वाली सोनी देवी 17 जून की शाम को अपने 2 साल के बेटे रितिक के साथ कहीं से आ रही थी।
वह महराजगंज कस्बे के हनुमान चौक पर आटो रिक्शा से नीचे उतरी और मोबाइल पर किसी से बात करने लगी। उसका बेटा बगल में खड़ा था। इतने में एक महिला पुरुष के साथ आई और बच्चे को लेकर फरार हो गई। यह दोनों सोनी देवी के साथ ही आटो रिक्शा में बैठे हुए थे।
वहीं महिला के शोर मचाने पर आस-पास के लोग इक्टठा हो गए। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस बच्चे की खोजबीन के लिए लग गई। जिसमें पुलिस को सफलता भी हासिल हुई।
छानबीन के दौरान आरोपित महिला निशा अपना पर्स वहां पर भूल गई। पुलिस को पर्स से महिला का आधार कार्ड मिला। पुलिस ने कार्ड के जरिए आरोपी महिला के घर तक पहुंच गई, लेकिन महिला घर पर नहीं मिली।
पुलिस की सूझ- बूझ से मासूम सकुशल बरामद
निशा महराजगंज थाने के सहदेवगंज निवासी छिनक यादव के साथ गोरखपुर जिले के बरदुवारी के रहने वाले एक सोखा के यहां झाड़- फूंक के लिए अक्सर जाती थी। ऐसे में पुलिस सर्विलांस की मदद से छिनक यादव का लोकेशन ली तो पता चला कि वह समस्तीपुर बिहार में है। यह लोग रितिक की बलि देने के लिए उसे अगवा किए हैं।
लोकेशन मिलने पर पुलिस टीम बिहार पहुंची तो पता चला कि दोनों आरोपी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए हैं। उन्होंने पुलिस को बताया था कि बच्चा कप्तानगंज थाने के पिपरिया गांव निवासी एक व्यक्ति के यहां रखे हुए हैं। ऐसे में पुलिस पिपरिया गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के यहां से बालक को बरामद कर लिया।
पुलिस का कहना है
एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि दो वर्षीय बालक रितिक के अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रीय हो गयी थी, जिसका परिणाम रहा हमारी पुलिस किसी प्रकार की अनहोनी होने से पहले ही बच्चे को बरामद कर लिया। आरोपियों की तलाश की जा रही है।