जुबिली स्पेशल डेस्क
दिल्ली में अगले महीने चुनाव होने वाला है। केजरीवाल लगातार जनता के बीच जा रहे हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन बीजेपी भी उनको कड़ी टक्कर दे रही है।
दूसरी तरफ कांग्रेस भी इस बार पूरे दम-खम के साथ चुनावी दंगल में उतर रही है लेकिन असली फैसला जनता को करना है। जनता के बीच राजनीतिक दल अपनी बात रख रहे हैं लेकिन तीनों बड़ी पार्टियां को इस बात का एहसास है कि मुद्दों पर फोकस कर जनता का दिल जीता जा सकता है।
अगर दिल्ली चुनाव में मुद्दों की बात की जाये तो महंगाई, नौकरी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे काफी अहम माने जा रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में महंगाई एक अहम मुद्दा है।
महंगाई के नाम पर राजनीतिक दल एक बार फिर एक दूसरे पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं। राजनीतिक दल को ये पता है कि महंगाई के नाम पर सबसे ज्यादा वोट पड़ते हैं।
सीएसडीएस के मुताबिक पिछले 3 चुनाव में महंगाई ने सरकार बदलने का काम किया है और जनता अक्सर महंगाई को ध्यान में रखकर वोट करती है।
सीएसडीएस के अनुसार साल 2013 में 39.4 प्रतिशत लोगों ने दिल्ली चुनाव में महंगाई एक अहम मुद्दा बताया था। उस समय लोगों का कहना था कि महंगाई को अहम मुद्दा मानकर वोट किये थे। वहीं 2015 में 17.3 प्रतिशत लोगों ने महंगाई को मुद्दा करार दिया था।
केजरीवाल ने उस चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी। 2020 में महंगाई मुद्दा सिर्फ 3.5 प्रतिशत लोगों के लिए। ऐसे में इस बार महंगाई के नाम पर राजनीतिक दल काफी एलर्ट और इसे एक बार फिर चुनावी मुद्दा बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।केजरीवाल लगातार दावा कर रहे कि वो एक बार फिर सरकार बनाएंगे जबकि बीजेपी उसे रोकने के लिए लगातार रणनीति बना रही है। दोनों दालों के बीच जुबानी जंग तेज है।