Friday - 1 November 2024 - 5:02 PM

कच्चा तेल 100 डॉलर के पार जाने से भारत में बढ़ सकती है 1% मंहगाई : रिपोर्ट

जुबिली न्यूज डेस्क

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की वजह से दुनिया में कच्चा तेल की कीमत तेजी से ऊपर गई है। इसकी वजह से भारत जैसे कच्चा तेल आयात करने वाले देशों में महंगाई बढऩे का खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है।

भारत में कच्चे तेल की कीमत बढऩे से महंगाई पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा, इसको लेकर एसबीआई की तरफ से एक रिसर्च रिपोर्ट पेश की गई है जिसमें कच्चा तेल की कीमतें ऊपर जाने से देश में महंगाई बढऩे का दावा किया है।

एक लाख करोड़ का नुकसान

एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की खरीद 74 डॉलर प्रति बैरल की दर से हुई है। यदि ये कीमत आगे चलकर औसत 90 डॉलर या 100 डॉलर तक पहुंचती है तो फिर महंगाई में 32-40 (0.32-0.40 फीसदी) या 52-65 (0.52-0.65 फीसदी) आधार अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मान लिया जाए कि सरकार नवंबर में पेट्रोल- डीजल पर घटाई गई एक्साइज ड्यूटी को जारी रखती है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 में पेट्रोल डीजल की खपत में 10 प्रतिशत का इजाफा होता है तो वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार की आय 95 हजार से 1 लाख करोड़ रुपए घट जायेगी।

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बढ़ेंगी पेट्रोल डीजल की कीमते

रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार देश में नवंबर 2021 के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर और कच्चे तेल की कीमतों (100 डॉलर प्रति बैरल) को आपस में जोड़ दिया जाए तो देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 9-14 रुपए का इजाफा होना चाहिए।

महंगाई में 1 फीसदी का इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि कि यदि कच्चे तेल, खाने के सामान, सेवाओं और घरों की कीमतें इसी प्रकार ऊपर बनी रहती है तो देश में महंगाई रिजर्व बैंक के अनुमान (4.5 फीसदी) से 87-100 आधार अंक (0.87-1.00 फीसदी)ज्यादा बढ़ सकती है।

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इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कच्चे तेल की कीमत को औसत 90-100 डॉलर प्रति बैरल मान लिया जाए तो महंगाई में 107 – 127 आधार अंक (1.07- 1.27 फीसदी) की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

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