देशभर में जहाँ रमजान का त्यौहार मनाया जा रहा हैं तो वही मुस्लिम देश पाकिस्तान में महंगाई आसमान छु रही है। पाकिस्तान में चीजों के दाम बढ़ने के कारण आम लोगों के जीवन पर इसका गहरा असर पड़ रहा है।
दरअसल, पाकिस्तान की मुद्रा डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 148 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसी सप्ताह 141 प्रति डॉलर पर आया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तानी रुपया में गिरावट होने के बाद एक बार फिर देश में मंहगाई आसमान छूने लगी है।
पाकिस्तान में एक दर्जन संतरे 360 रुपये तो वहीं नीबू और सेब 400 रुपये किलो बिक रहे इस बात से महंगाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस बात की जानकारी पाकिस्तान के एक शख्स ने अपने सोशल मीडिया के जरिये दी। उसने ट्वीट कर लिखा ‘पाकिस्तान में अब फल और सब्जी खाना आम लोग के बस में नहीं’। वहां मटन का भाव 1100 रुपये किलो तो चिकन 320 रुपये किलो पहुंच गया है, जबकि एक लीटर दूध के लिए 120 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।
पाजीटिव मीडिया कम्युनिकेशन के सीईओ कुरैशी का ये ट्वीट जमकर ट्रोल हो रहा है। कुरैशी के ट्विटर पर दो लाख से अधिक फॉलोअर हैं।
आईएमएफ के साथ शुरुआती करार में पाकिस्तान ने बाजार आधारित विनिमय दर का पालन करने की सहमति दी थी। पाकिस्तानी रुपये की इस गिरावट को आईएमएफ की बाजार आधारित विनिमय दर की शर्त का ही नतीजा माना जा रहा है। फिलहाल पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक विनिमय दरों को नियंत्रित करता है।
मायावती बोलीं, पूर्वांचल के साथ हुआ विश्वासघात
वही लोगों को मंहगाई से राहत दिलाने के लिए इमरान खान की सरकार पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा विदेश यात्रा के वक्त साथ ले जाने वाली मुद्रा की वर्तमान सीमा 10,000 डॉलर से घटाकर 3,000 डॉलर करने पर विचार कर रही है। सरकार ने उन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है, जो महंगे भाव पर डॉलर की बिक्री कर रही हैं।