न्यूज डेस्क
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में चिदंबरम पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। जांच एजेंसियां चिदंबरम पर शिकंजा कसने में कामयाब हो पायी है तो उसमें भी प्रमुख भूमिका आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर्स इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने निभाई है। इन दोनों के बयान ही चिदंबरम के खिलाफ बड़ा आधार बना।
जांच एजेंसी को दिए गए अपने बयान में इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया की अर्जी फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड के पास थी। इस दौरान उन्होंने पति पीटर मुखर्जी और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ पूर्व वित्त मंत्री के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में जाकर मुलाकात की थी।
प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में इंद्राणी ने कहा, ‘पीटर ने चिदंबरम के साथ बातचीत शुरू की और आईएनएक्स मीडिया की अर्जी एफडीआई के लिए है और पीटर ने अर्जी की प्रति भी उन्हें सौंपी। चिदंबरम ने एफआईपीबी की मंजूरी के बदले पीटर से कहा कि उनके बेटे कार्ति के बिजनेस में मदद करनी होगी। इस बयान को प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट में दर्ज किया और कोर्ट में भी इसे सबूत के तौर पर पेश किया गया।
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बयान में रकम का जिक्र नहीं
ईडी ने कोर्ट को दी गई जानकारी में कहा कि पी. चिदंबरम को कितनी रकम रिश्वत के तौर पर दी, इंद्राणी मुखर्जी ने इसका खुलासा नहीं किया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, ‘2008 में एफआईपीबी की मंजूरी में जब अनियमितताओं की बात सामने आई तो पीटर ने फिर से चिदंबरम से मिलने की कोशिश की। चिदंबरम उस वक्त वित्त मंत्री थे।
पीटर मुखर्जी ने मुश्किलों के समाधान के लिए उनसे मिलने के लिए सोचा। पीटर ने कहा कि कथित अनियमितताओं से संबंधित मसले को कार्ति चिदंबरम की सलाह और मदद से सुलझाया जा सकता है क्योंकि उनके पिता ही वित्त मंत्री हैं।’
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कार्ति ने लिया 10 लाख रुपये
ईडी को इंद्राणी ने बताया कि कार्ति चिदंबरम से उनकी और पीटर की मुलाकात दिल्ली के एक होटल में हुई। अपने बयान में इंद्राणी ने कहा, ‘कार्ति ने इस मामले को सुलझाने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे।
कार्ति ने कहा कि उनके किसी ओवरसीज बैंक अकाउंट या असोसिएट के बैंक अकाउंट में यह रकम जमा करनी होगी, ताकि मामले को सुलझाया जा सके। पीटर ने कहा कि ओवरसीज ट्रांसफर संभव नहीं है तो कार्ति ने दो फर्म चेस मैनेजमेंट और अडवांटेज स्ट्रैटिजिक में पेमेंट का सुझाव दिया।’
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चिदंबरम ने घूस के पैसे से स्पेन में खरीदे टेनिस क्लब, यूके में कॉटेज
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि घूस के पैसे से चिदंबरम ने स्पेन में टेनिस क्लब और यूके में कॉटेज खरीदा है। ईडी को पूरा भरोसा है कि उसे पी. चिदंबरम की कस्टडी मिल जाएगी।
ईडी कांग्रेस नेता से पूछना चाहता है कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने जो स्पेन में टेनिस क्लब, यूके में कॉटेज के साथ-साथ देश-विदेश में कुछ अन्य संपत्तियां खरीदीं, उनके पैसे कहां से आए थे। ईडी के मुताबिक, कार्ति ने ये संपत्तियां 54 करोड़ रुपये में खरीदीं।
अक्टूबर 2018 में ईडी ने एक अटैचमेंट ऑर्डर पास किया था जिसके मुताबिक ये सारी संपत्तियां आईएनएक्स मीडिया केस में रिश्वतखोरी के पैसे से खरीदी गई थीं।
गौरतलब है कि पी. चिदंबरम इस केस में अपने बेटे के साथ सह-अभियुक्त हैं। ईडी और सीबीआई इन दोनों बाप-बेटे के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस और एयरसेल-मैक्सिस 2जी स्कैम केस की जांच कर रही है।
पिता-पुत्र के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है और उनकी प्रॉपर्टीज भी अटैच की गई हैं जिनमें दिल्ली के जोर बाग स्थित चिदंबरम का 16 करोड़ रुपये का बंगला भी शामिल है। स्पेन के बार्सिलोना में खरीदी गई जमीन और टेनिस क्लब की कीमत 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
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