न्यूज़ डेस्क
इंदौर लोकसभा सीट के लिए पिछले कई दिनों से जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए बीजेपी की वरिष्ठ नेता और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विराम लगा दिया। लगातार 8 बार इंदौर से सांसद सुमित्रा ने ऐलान किया है कि वह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी।
दरअसल, बीजेपी मध्यप्रदेश की 29 में से 18 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन इंदौर लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा अभी तक नहीं की है। इस बात से नाराज 75 वर्ष पर कर चुकी ताई के नाम से मशहूर सुमित्रा महाजन ने एक खुला पत्र जारी किया है, जिसमे लिखा है कि
‘भारतीय जनता पार्टी ने आज दिनांक तक इंदौर में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। यह निर्णय की स्थिति क्यों हैं संभव है की पार्टी को निर्णय लेने में कुछ संकोच हो रहा है। इस लिए मैं घोषणा करती हूं की मुझे अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना है। अत: पार्टी अपना निर्णय मुक्त मन से करें, नि:संकोच होकर करें।‘
दरअसल, बीजेपी का गढ़ कही जाने वाली इंदौर सीट पर अब भी असमंजस बना हुआ है। सुमित्रा महाजन की उम्र 75 पार हो चुकी है, इसलिए ऐसी बातें सामने आ रही थी कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट नहीं देना चाहती है। हालांकि, उनकी जगह उम्मीदवार कौन होगा, इस पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि बीजेपी इस बार 75+ वाले फोर्मुले पर चल रही है, जिसके चलते कई बड़े नेताओं के टिकट काटे गये है। इनमें लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर, मुरली मनोहर जोशी का कानपुर, शांता कुमार का हिमाचल प्रदेश से टिकट काटा गया है। आडवाणी की जगह इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं।
इंदौर 30 साल से बीजेपी का गढ़ रहा है। अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस केवल चार बार जीती है। इंदौर लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में मुकाबला बराबरी का था। भाजपा और कांग्रेस ने 4-4 सीटें जीती थीं। अब सुमित्रा महाजन के चुनाव न लड़ने कैलाश विजयवर्गीय और मालिनी गौड़ का नाम सबसे आगे है।