जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को लगातार पांचवें साल देश में सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार हासिल हुआ है. दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह अवार्ड दिया. इंदौर को कचरा मुक्त शहर की स्टार रेटिंग का अवार्ड भी मिला है. इसके साथ ही इस शहर को 12 करोड़ का सफाई मित्र सुरक्षा चैलेन्ज अवार्ड भी मिला है. इन पुरस्कारों के साथ ही इंदौर नगर निगम ने मध्य प्रदेश का सर पूरे देश के सामने ऊंचा कर दिया है.
स्वच्छता के लिए सम्मान का कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रहा था लेकिन इंदौर को भरोसा था कि यह सम्मान उसे ही हासिल होगा. अपनी लगातार की कोशिशों की वजह से उसे पूरा भरोसा था कि इंदौर मध्य प्रदेश का नाम देश में रौशन करेगा. इंदौर के दस स्थानों पर बड़ी-बड़ी एलसीडी स्क्रीन के सामने सैकड़ों लोग जमा होकर सम्मान समारोह देख रहे थे और अपने शहर के नाम की घोषणा का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. जैसे ही इंदौर को फिर से देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला वैसे ही इंदौर में आतिशबाजी शुरू हो गई. केक काटे जाने लगे.
इस अवार्ड की तैयारी इंदौर का नगर निगम लगातार करता है. उसके 11 हज़ार 364 कर्मचारी रोजाना शहर से करीब 12 सौ टन कचरा उठाते हैं. इस शहर ने अपनी नदियों को नालों और सीवर से मुक्त कर दिया है. सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई के लिए सेंसर लगाये गए हैं. नगर निगम के कंट्रोल रूम को सेंसर के ज़रिये तत्काल सूचना मिल जाती है कि सफाई कर्मचारी को सबसे पहले किस स्थान पर पहुंचना है.
इंदौर में गंदगी फैलाने वालों पर तत्काल जुर्माना लगाया जाता है. सभी नालों को ढंक दिया गया है ताकि उसमें कूड़ा न डाला जा सके. कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों को भी तिरपाल के ज़रिये गाड़ी को ढंकना ज़रूरी किया गया है ताकि कूड़ा सड़क पर न गिरे. रात को तीन बजे से इंदौर की सड़कों की धुलाई का काम शुरू कर दिया जाता है ताकि लोगों को साफ़-सुथरी धूल रहित सड़क मिले.
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