Friday - 25 October 2024 - 9:37 PM

इंदिरा गांधी ने भी की थी G-20 से बड़े सम्मेलन की मेजबानी, नहीं लगाई थी कोई रोक

जुबिली न्यूज डेस्क

देश में जी20 को लेकर तैयारियां  तेजी से चल रही है. 9 और 10 सितंबर को  दुनियाभर से राष्ट्र प्रमुख जुटेंगे, इस दो दिवसीय कार्यक्रम के लिए पूरी दिल्ली को पोस्टरों और होडिंग से पाट दिया है. सभी पोस्टरों पर एक ही शख्स की तस्वीर है. नाम तो आप जान ही गए होंगे. जी हां पीएम मोदी की. मोदी सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए लोगों पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी है. इससे जनता की परेशानियां पढ़ गई है. मोदी जी ऐसा माहौल बना रहे हैं जैसे कि भारत में पहली बार इतना बड़ा आयोजन हो रहा है.

दरअसल ऐसा पहली बार नहीं है कि, जब भारत वैश्विक नेताओं की मेजबानी करने जा रहा है. इससे पहले भारत ने सन 1983 में  तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की नेतृत्व में गुटनिरपेक्ष सम्मेलन NAM के सातवे शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. इस मेगा इवेंट में लगभग 70 वैश्विक नेताओं ने शिरकत की थी. जी हां एक या दो नहीं बल्कि 70 से ज्यादा देशों के नेता और विदेशी पत्रकार भारत आए थे. इंदिरा गांधी जी ने उनका भव्य स्वागत किया लेकिन पूरे कार्यक्रम के कारण लोगों को परेशानी नहीं हुई.

इंदिरा गांधी ने नहीं लगाई थी कोई रोक

उन्होने ना तो एक भी दुकान बंद करने का आदेश दिया ना ही लोगों की आवाजाही पर कोई रोक लगाई. मगर कहते है ना वो साल दूसरा था ये साल दूसरा है.  तब एक हिम्मती महिला देश की प्रधानमंत्री थी. जिन्हे अपनी छवि नहीं देश को चमकाना था. पूरी दुनिया में उसकी छवि को चमकाना था. इसलिए उन्होने NAM  का भव्य आयोजन किया, और देश के नागरिक को परेशानी भी नहीं उठानी पड़ी.

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जी20 जैसे छोटे सम्मेलन से ही घबरा गए पीएम

इधर जिन्हे अपनी छवि चमकानी है वो जी20 जैसे छोटे सम्मेलन से ही घबरा गए हैं. तभी तो ट्रेनों पर पाबंदी, मेट्रों पर पाबंदी, बाजार बंद, स्कूल बंद, कॉलेज बंद सड़कों पर निकलने के लिए ट्रैफिक पास, मकानें के खिड़की दरवाजे बंद, पेट्रोल पंप बंद. मतलब मिनी लाक्डाउन ही लगने जा रहा है, और इतना कुछ किए जाने के बावजूद ना चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग आ रहे हैं और ना ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आ रहे हैं. दोनों ने कथित विश्व नेता, मोदी के रहते ही भारत में आने से इंकार कर दिया है. देश वही है शहर वही है पर मेजबान दूसरा है. चंद राष्ट्र अध्यक्षों के आने पर सोच में पड़ा है कि  कैसे क्या करा जाए.

लॉकडाउन लगा देना हल नहीं

मोदी जी देश चलाने में और चुनाव प्रचार करने में फर्क होता है. जवाहर लाल नेहरू हो या इंदिरा गांधी आज भी एक शानदार प्रधानमंत्री के तौर पर जनता याद करती है. मोदी जी आप सिर्फ दिखावा ही कर सकते है. आपके मिनी लॉकडाउन के फैसले ने ये साबित कर दिया है कि आप शासक के तौर पर पूरी तरह से फेल हैं.मोदी जी हर बार लॉकडाउन लगा देना हल नहीं है. अपनी नहीं तो कम से कम लोगों की और देश की छवि के बारें में सोचे.

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