Friday - 1 November 2024 - 2:43 AM

एनकाउंटर पर अक्सर सवाल उठते हैं !

स्पेशल डेस्क

हैदराबाद में महिला डॉक्टर हत्याकांड के बाद से ही पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इतना ही नहीं सड़क से लेकर संसद तक हंगामा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही रेप से जुड़े कड़े कानून बनाने की मांग हो रही है लेकिन इस दौरान हैदराबाद पुलिस ने दिशा (बदला हुआ नाम) गैंगरेप-मर्डर केस में चारों आरोपियों को ढेर कर दिया है। पूरी घटना सुबह तीन से चार के बीच की बतायी जा रही है।

गौरतलब हो कि 27 नवंबर को आरोपियों ने महिला डॉक्टर के साथ रेप किया था और बाद में जिंदा जला दिया गया था। महिला डॉक्टर का जला शव बेंगलुरु हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास के करीब मिला था।


यह भी अहम है कि ये सभी आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ठीक उसी जगह मारे गए, जहां 10 दिन पहले महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी की गई थी। फिलहाल पुलिस ने इन सभी के शवों को मौके से हटा दिया है, ताकि किसी भी तरह का हंगामा न हो सके।

हालांकि पुलिस द्वारा आरोपियों के एनकाउंटर की यह घटना कोई नई नहीं है। इससे पहले भी कई बार पुलिस के द्वारा एनकाउंटर पर सवाल उठते रहे है। आइए जानते हैं कि कुछ ऐसे एनकाउंटर जो हमेशा चर्चा में रहे हैं।

1-कनॉट प्लेस एनकाउंटर

कनॉट प्लेस एनकाउंटर पर भी सवाल उठा था। आलम तो यह रहा कि फर्जी एनकाउंटर के इस मामले में 16 वर्ष तक कोर्ट में सुनवाई चली थी। इस एनकाउंटर को 31 मार्च 1997 में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कनॉट प्लेस इलाके में अंजाम दिया था। इस एनकाउंटर को एसीपी एसएस राठी के नेतृत्व में किया गया था। थोड़ा पीछे जाये तो इसमें हरियाणा के कारोबारी प्रदीप गोयल और जगजीत सिंह को उत्तर प्रदेश का गैंगस्टर समझ कर गोली मार दी गई थी और इस दौरान दोनों कारोबारी मौत की नींद सो गए थे। इसके बाद काफी हंगामा हुआ था। इतना ही नहीं कोर्ट ने आरोपी पुलिस और अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।

2-बटला हाउस एनकाउंटर

बटला हाउस एनकाउंटर अब तक सुर्खियों में रहा है। पूरी घटना 19 सितंबर 2008 की है लेकिन इसका तार 13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए बम ब्लास्ट से रहा है। इस घटना में 26 लोगों की जान गई थी जबकि 133 लोग घायल भी हुए थे। इस बम ब्लास्ट में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ होने की बात कही गई थी।

इसके बाद पुलिस ने इस मामले में तेजी से एक्शन लिया था। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की तलाश तेज कर दी थी। पुलिस को जब पता लगा कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बटला हाउस के एक मकान में मौजूद हैं। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। जानकारी के मुताबिक एसआई राहुल कुमार सिंह अपने साथियों एसआई रविंद्र त्यागी, एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, सतेंद्र विनोद गौतम आदि पुलिसकर्मियों को लेकर प्राइवेट गाड़ी में रवाना हो गए। इसके बाद पुलिसकर्मी लोकेशन पर जा पहुंचे और पता लगा चार लड़के फ्लैट में मौजूद।

इतना ही नहीं दोनों ओर से धड़ाधड़ फायरिंग होने लगी। इसी दौरान आतिफ अमीन, साजिद, आरिज और शहजाद पप्पू सैफ नामक एक लड़का बाथरूम में था। लगभग 10 मिनट दोनों तरफ से फायरिंग हुई थी और इस दौरान इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली भी लगी थी। दूसरी ओर गोलियां लगने से आतिफ अमीन और साजिद को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था जबकि पुलिस ने दो आतंकियों को भागते समय गिरफ्तार कर लिया।

3-इशरत जहां एनकाउंटर

साल 2004 में गुजरात पुलिस का यह एनकाउंटर काफी सुर्खियों में रहा था। इस एनकाउंटर को लेकर मीडिया में काफी बहस हुई थी। गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना और जीशान जोहर को आतंकी बताकर मौत के घाट उतार दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है। पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को बीते साल सीबीआई अदालत ने इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया था।

4-सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर

पूरा मामला साल 2005 का बताया जाता है। इस दिन यानी 2005 में अहमदाबाद में राजस्थान और गुजरात पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में सोहराबुद्दीन शेख को ढेर कर दिया था। इसके बाद यह मामला और आगे तब बढ़ गया जब साल 2006 में सोहराबुद्दीन के साथ रहे तुलसी प्रजापति का भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक सोहराबुद्दीन मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के झिरन्या गाँव का रहने वाला एक हिस्ट्रीशीटर था। ऐसा कहा जाता है कि गुजरात पुलिस ने 26 नवंबर 2005 को उसे एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके साथ उसकी पत्नी कौसर बी को भी गुजरात पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था।

5-दारासिंह एनकाउंटर

दारासिंह उर्फ दारिया राजस्थान के चूरू का नामीगिरामी बदमाश था और उसके ऊपर 50 के करीब मामले दर्ज भी थे और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया था लेकिन स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 23 अक्टूबर, 2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर में ढेर कर दिया। हालांकि दारा की पत्नी ने इसे फर्जी एनकाउंटर बताया। इसके बाद मामला सीबीआई के पास जा पहुंचा और जांच भी हुई है। हालांकि आरोपियों को बरी कर दिया था।

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