जुबिली स्पेशल डेस्क
कतर में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवानों को दोहा की एक अदालत से बड़ी राहत मिली थी और रिहा कर दिया गया था। अब उनमें से 7 लोग अपने वतन वापस लौट आए है।
इसे भारत की बड़ी जीत माना जायेगा और इसमें सरकार की बड़ी कूटनीति माना जा रहा है। इन आठ पूर्व नौसैनिकों की रिहाई में अजीत डोभाल का योगदान भी खास रहा है। उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर इस पूरे मिशन को कामयाब बनाया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इस पूरी रणनीति में अहम योगदान दिया है जबकि पीएम मोदी ने 1 दिसंबर 2023 को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात की थी। वहीं डोभाल ने पर्दे के पीछे की कूटनीति से यह सुनिश्चित किया कि भारतीय नौसेना के इन 8 पूर्व कर्मियों को रिहा किया जा सका है।
बता दे कि अरब देश कतर में 8 भारतीयों को गुरुवार को फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो इनके ऊपर जासूसी का आरोप लगा था इसके बाद 8 भारतीयों को 26 अक्टूबर को फांसी की सजा का एलान किया गया था लेकिन अब बड़ी राहत मिल गई है। भारतीय नौसेना के ये सभी आठ पूर्व ऑफिसर पिछले साल अगस्त से ही कतर के जेल में बंद थे।
‘इन आठों पूर्व नौसैनिकों के नाम हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश।