न्यूज डेस्क
भारतीय विदेश घूमने और बसने में सबसे आगे हैं। जी हां, विदेशों में बसने वालों में पहले पायदान पर भारतीय है। भारत की आबादी के लिहाज से देखा जाए तो यह आंकड़ा बहुत कम लगेगा लेकिन यह आंकड़ा कई देशों की आबादी से अधिक है। भारत के 1.8 करोड़ लोग दूसरे देशों में रहते हैं।
दुनिया के 27.2 करोड़ प्रवासियों में से अधिकांश लोग यूरोप और उत्तरी अमेरिका में रहते हैं। इनकी संख्या में पिछले दस सालों के दौरान 23 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सबसे खास बात यह है कि जिन देशों के सबसे ज्यादा लोग विदेशों में बसे हैं, उनमें सबसे पहला नंबर भारत का आता है। भारत के 1.8 करोड़ लोग दूसरे देशों में रहते हैं। इसके बाद मेक्सिको और चीन का नंबर आता है। मैक्सिकों के 1.2 करोड़ और चीन के 1.1 करोड़ लोग विदेशों में रहते हैं।
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17 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट जारी की जिसमें यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 2019 में यूरोप में 8.2 करोड़ और उत्तरी अमेरिका में 5.9 करोड़ प्रवासी रहते हैं। इसके बाद उत्तरी अफ्रीका और पश्चिमी एशिया का नंबर आता है, जहां प्रत्येक क्षेत्र में 4.9 करोड़ लोग रहते हैं।
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संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग के जनसंख्या प्रभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक 2010 की तुलना में 2019 में दुनिया में 5.1 करोड़ अधिक प्रवासी थे।
कुल प्रवासियों की संख्या दुनिया की आज की आबादी का 3.5 फीसद है, जबकि 2000 में यह 2.8 फीसद थी। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया के आधे प्रवासी सिर्फ 10 देशों में रहते हैं।
सबसे ज्यादा 5.1 करोड़ प्रवासी संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं। इसके बाद जर्मनी और सऊदी अरब का नंबर आता है जहां 1.3 करोड़ प्रवासी रहते हैं। रूस 1.2 करोड़, ब्रिटेन एक करोड़, संयुक्त अरब अमीरात 90 लाख, फ्रांस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में 80 लाख जबकि इटली में 60 लोग प्रवासी रहते हैं।
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