जुबिली न्य़ूज डेस्क
हमारे समाज में अरेंज मैरिज को लोग पसंद करते थे लेकिन जैसे जैसे समाज बदल रहा है वैसे वैसे लोगों की पसंद बदलती जा रही है। एक ब्यूटी ब्रांड की स्टडी में ये बात सामने आई है कि अरेंज मैरिज में 68 प्रतिशत महिलाओं को रिजेक्शन झेलना पड़ रहा है। जिसकी वजह से महिलाओं के आत्म सम्मान और आत्म विश्वास को काफी ठेस पहुंची।
यही नहीं स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि 74 प्रतिशत महिलाओं ने यह माना है कि अरेंज मैरिज में उनपर खूबसूरत दिखने का काफी दबाव रहता है। साथ ही सुन्दरता के पैमाने पर खरा न उतर पाने के कारण उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है।
दरअसल ‘इंडिया ब्यूटी टेस्ट’ नाम के इस सर्वे में 1057 महिलाओं ने भाग लिया। इस सर्वे में ही ये बात निकल कर सामने आई है। सर्वे में ये भी निकल कर सामने आया है कि कई महिलाएं ‘पतली, लंबी और गोरी’ के पैमाने के कारण अपने शरीर को लेकर भ्रम का शिकार हो जाती हैं।
वहीं ऑनलाइन मौजूद आंकड़ों को देखा जाए तो तो भारत में होने वाली 90 फीसदी शादियां अरेंज मैरिज (पारंपरिक विवाह) ही हैं। और ये लोगों द्वारा या किसी वेबसाइट या कंपनी द्वारासुझाए जाते हैं। यहां पर मैच मेकिंग का फार्मूला भी खूबसूरती के पैमाने जैसे त्वचा का रंग, लम्बाई और वजन होता है।
इस स्टडी में मैचमेकर्स वेबसाइट/कंपनी और लोगों की भी गहराई से जांच की गई है। जैसे कि, अगर किसी लड़की के बाल छोटे हैं तो 1000 मामलों में केवल 1 या 2 के ही चुने जाने के चांस हैं।
ऐसे ही एक मैच मेकर ने बताया कि एक मामले में होने वाले पति की मां का कहना था, लड़की गोरी होनी चाहिए, चेहरा गोल होना चाहिए, नाक लंबी होनी चाहिए, लंबे बाल होने चाहिए। लंबा चेहरा (वी शेप चेहरा) बिलकुल नहीं होना चाहिए।