न्यूज डेस्क
रेलवे ने कोरोना वायरस के कारण यात्री ट्रेनों को 21 दिन तक स्थगित करने के बाद 15 अप्रैल से अपनी सभी सेवाएं बहाल करने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि रेलवे के सभी सुरक्षा कर्मियों, स्टाफ, गार्ड, टीटीई और अन्य अधिकारियों को 15 अप्रैल से अपने-अपने कार्यस्थलों पर लौटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। ट्रेनों का संचालन सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद ही शुरू होगा। फिलहाल रेलवे के ट्रेनों के साथ साथ प्राइवेट ट्रेनों में अडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है।
रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेन में चढ़ते समय महामारी रोग अधिनियम का पालन किया जाएगा। इसमें यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग से लेकर अन्य जरूरी उपाय शामिल होंगे। ट्रेन चलाने से पहले इन ट्रेनों की तकनीकी जांच कर ली जाएगी और सभी ट्रेनों को सैनिटाइज भी किया जाएगा। इसके अलावा 21 दिन के लॉकडाउन के बाद स्टेशनों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे से रद्द ट्रेन को चलाने के लिए तैयार रहने को कहा है। इसके तहत उत्तर रेलवे ने 244 ट्रेन का टाइमटेबल संबंधित रेल अधिकारियों व कर्मचारियों को भेज दिया है।
उत्तर रेलवे के पास 77 रेक (ट्रेन) तैयार खड़े हैं। प्रशासन ने परिचालन से जुड़े ड्राइवर, सहायक ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, स्टेशन मैनेजर आदि को आगामी 15 अप्रैल से ट्रेन चलाने के आदेश जारी कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 80 फीसदी से अधिक ट्रेन को चलाने के आदेश दिए गए हैं। इसमें सभी राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं।
अधिकारी के मुताबिक, कमोबेश सभी 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों ने अपने यहां से चलने वाली ट्रेन तैयार कर ली हैं। ये ट्रेन 14 अप्रैल रात 12 बजे के बाद पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। लंबी दूरी के अलावा जरूरत के अनुसार लोकल और पैसेंजर ट्रेन को भी चलाया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि 21 दिन के लॉकडाउन के बाद रेल प्रशासन ट्रेन चलाने के लिए मुस्तैद है। इसके लिए केंद्र सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। उन्होंने बताया कि 13,524 ट्रेन में से 3,695 लंबी दूरी की मेल-एक्सप्रेस ट्रेन हैं। केंद्र सरकार कोरोना के मद्दनेजर यदि कम संख्या में ट्रेन चलाने के लिए कहेगी तो इसका पालन किया जाएगा।