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नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का राजस्व गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 में पहली बार छह लाख करोड़ रुपये के पार पहुँच गया।
कंपनी के निदेशक मंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद कंपनी के अध्यक्ष संजीव सिंह ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में एकल तथा समग्र दोनों आधारों पर कंपनी का कुल राजस्व छह लाख करोड़ रुपये के पार रहा।
एकल आधार पर उसकी कमाई वित्त वर्ष 2017-18 के 5,09,842.21 करोड़ रुपये से 19.46 प्रतिशत बढ़कर 6,09,052.28 करोड़ रुपये पर पहुँच गयी। समग्र आधार पर उसका कुल राजस्व 5,18,961.77 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,19,957.12 करोड़ रुपये हो गया।
श्री सिंह ने बताया कि इसके बावजूद बीते वित्त वर्ष कंपनी का मुनाफा कम हुआ। समग्र आधार पर उसका शुद्ध मुनाफा 22,626.35 करोड़ रुपये से 23.66 प्रतिशत घटकर 17,273.85 करोड़ रुपये रह गया। उन्होंने कहा कि इसका कारण इनवेंटरी की कीमतों में नकारात्मक बदलाव और रुपये के विनिमय दर में बदलाव के मद में हुआ नुकसान रहा।
गत 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही कंपनी के लिए अच्छी रही। इस दौरान समग्र आधार पर उसका शुद्ध मुनाफा 5,527.46 करोड़ रुपये से 8.62 फीसदी बढ़कर 6,003.96 करोड़ रुपये पर पहुँच गया। तिमाही के दौरान एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ 16.89 प्रतिशत बढ़कर 6099.27 करोड़ रुपये रहा।
निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए शेयरधारकों को एक रुपये प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देने की भी मंजूरी दी है। इससे पहले वित्त वर्ष के 8.25 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश भी घोषित किया जा चुका है।