न्यूज डेस्क
भारतीय नौसेना ने सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। भारतीय नौसेना ने अपने सभी जवानों और अधिकारियों के सोशल मीडिया के प्रयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यही नहीं इसके साथ ही नौसेना के ठिकानों, डॉकयार्ड और ऑन-बोर्ड युद्धपोतों पर स्मार्टफोन ले जाने पर बैन लगा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। पाकिस्तानी एजेंसी ने सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों को हनीट्रैप में फंसाने का बड़ा प्लान तैयार किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, यह पूरा प्लान आईएसआई के एक अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है।
इस मामले की जांच का जिम्मेदारी अब गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंपा है। बता दें कि बीते दिनों इंटेलिजेंस सेल ने आंध्र प्रदेश की काउंटर ने हनीट्रैप के कई मामले पकड़े थे, जिसमें नेवी के कई जवान शामिल थे। केंद्रीय खुफिया विभाग और आंध्र पुलिस के संयुक्त अभियान में सात नाविक गिरफ्तार किए गए हैं।
इस रैकेट के सामने आने के बाद से भारतीय नौसेना ने अपने जवानों के लिए सोशल मीडिया और स्मार्टफोन प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही बेड़े पर तैनात जवानों को भी फोन रखने से मना किया गया है।
बीते नौ दिसम्बर को राज्यसभा में एक प्रश्न पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की आईएसआई भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए एक उपकरण के रूप में हनीट्रैप का उपयोग करती है? इस सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा था कि, ‘एजेंसी द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों को हनीट्रैप करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा था कि सेवा कर्मियों और उनके परिवारों को नियमित तौर पर विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा हनीट्रैप के इस्तेमाल पर मॉडस ऑपरेंडी के तौर पर जागरूक किया जाता है।