न्यूज डेस्क
लोकसभा में मोदी सरकार ने मोटर व्हीकल बिल को पेश कर दिया है। इस बिल के तहत केंद्र सरकार मोटर व्हीकल अधिनियम के नियमों को और सख्त करने जा रही है। हालांकि, इस बार भी विपक्षियों ने इसका विरोध किया। इस बिल को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह ने सदन में पेश किया। इस बिल का मकसद रोड एक्सीडेंट से जुड़े कारणों को दूर करना और सड़क यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई करना है।
पुराने मोटर एक्ट 1988 में संशोधन करके नए मोटर व्हीकल एक्ट को लपास किया गया है। इसके लिए पुराने बिल में करीब 88 संशोधन किए गए हैं। इसलिए इसे नया बिल ही माना जा रहा है। पिछली सरकार ने 2014 में सड़क सुरक्षा एवं प्रबंधन विधेयक के जरिए किया था। इस बिल पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें पांच लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसलिए नियमों को कड़ा बनाने की जरूरत है।
आपको बता दें कि मौजूदा कानून में क्षतिपूर्ति का फैसला एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल करता है, जिसमें मृतक और घायल के लिए उसकी उम्र, इनकम, आश्रितों के अनुसार हर्जाने का प्रावधान है। इसमें हजारों रुपये से लेकर लाखों और करोड़ों में जा सकता है, लेकिन राहत के नाम पर मृत्यु की स्थिति में क्षतिपूर्ति की राशि को अधिकतम 5 लाख रुपये और घायल होने पर ढाई लाख रुपये की राशि दी जाती है।
जाने नए नियम
- नए बिल के मुताबिक, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है।
- एम्बुलेंस या किसी आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार 10,000 रुपये के ज़ुर्माना रखा गया है।
- मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर अब 5000 रुपये करने का प्रस्ताव है जो कि पहले एक हज़ार था।
- इसके साथ ही बिना हेलमेट गाड़ी चलाने वालों पर अब एक हज़ार रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस ज़ब्त करने का प्रावधान किया है। मौजूदा समय में बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर ज़ुर्माना केवल 100 रुपये है।
- रफ़्तार पर लगाम लगाने के लिए रैश ड्राइविंग करने वालों पर जुर्माना पांच हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।
- बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर जुर्माना पांच सौ रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया गया है।
- सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों पर अब एक हजार रुपये जुर्माना करने का प्रस्ताव रखा गया है।
- वहीं, इस बिल के तहत अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावक या गाड़ी के मालिक को दोषी माना जाएगा। इसके लिए 25,000 रुपये के ज़ुर्माने के साथ ही तीन साल के जेल का प्रावधान है। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने का प्रावधान है।
- वहीं, आधार नंबर को अनिवार्य करते हुए अब लाइसेंस लेने या गाड़ी के रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव पास किया गया है।
- अब लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बाद एक साल तक लाइसेंस को करवाया जा सकेगा। अभी तक यह समय सीमा केवल एक महीने तक थी।
- अगर सड़क के गलत डिजाइन या उसके निर्माण और उसके रखरखाव की कमी के चलते दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार, सलाहकार के साथ और सिविक एजेंसी जिम्मेदार होगी। ऐसी दुर्घटनाओं के एवज में मुआवजे के दावे का निपटारा छह महीने के भीतर करना अनिवार्य होगा।
- अगर गाड़ी के कल पुर्जे की क्वालिटी खराब होने के चलते गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होती है तो सरकार उन सभी गाड़ियों को वापस लेने का अधिकार रखेगी। साथ ही निर्माता कंपनी पर अधिकतम 500 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगा सकती है।