जुबिली न्यूज़ डेस्क
पटना। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि भारतीय न्यायिक सेवा (आईजेएस) का शीघ्र गठन किया जाएगा और इसकी परीक्षा केंद्रीय लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) लेगा।
प्रसाद ने शनिवार को पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी भवन के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की तर्ज पर ही भारतीय न्यायिक सेवा (आईजेएस) का गठन किया जाएगा ताकि इस सेवा से कुशाग्र युवा प्रतिभा जुड़ सकें।
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उन्होंने कहा कि इस अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के लिए यूपीएससी परीक्षा लेगा, जो आईएएस और आईपीएस के लिए परीक्षा का आयोजन करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसका तंत्र विकसित करने के संबंध में भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ चर्चा की गई है ताकि खुली प्रतियोगिता के जरिए खास संख्या में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश का चयन हो सके।
इस चयन प्रतियोगिता में विधि स्नातक के साथ ही 7 वर्ष से वकालत कर रहे अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान हो सकता है। इस पर भी विचार हो रहा है।
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