न्यूज़ डेस्क
साल 1948 में लंदन में ओलंपिक्स चल रहा था. यहां के वेम्बली स्टेडियम में भारतीय हॉकी टीम और इंग्लैंड के बीच फाइनल खेला जा रहा था. हर किसी की नजरे फाइनल पर थी मैदान में कम ऑन ब्रिटेन के नारे लग रहे थे. लेकिन जब फाइनल विजल बजी तो सब हैरान हो गये. वो मैच भारतीय टीम ने जीता था.
इस मैच के हीरो रहे थे हॉकी के दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर. जो आज हमारे बीच नहीं रहे. जी हाँ भारतीय हॉकी टीम को तीन गोल्ड मैडल दिलाने वाले दिग्गज खिलाडी बलबीर सिंह सीनियर का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया.
वो काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बताया जा रहा है कि 95 वर्षीय बलबीर सिंह को सांस लेने में तकलीफ थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली.
बलबीर सिंह सीनियर को आठ मई को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो बीते 18 मई से अर्ध चेतन अवस्था में थे और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था. उनकी मौत की पुष्टि मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के डायरेक्टर अभिजीत सिंह ने की.
ओलिंपिक इतिहास के गोल्डन मैन कहे जाते हैं बलबीर सिंह सीनियर
बलबीर सिंह सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम् भूमिका निभाई थी. हेलसिंकी ओलिंपिक में उन्होने नीदरलैंड्स के खिलाफ खेले गये मैच को भारतीय टीम ने 6-1 से जीता था. इस मैच में उन्होंने पांच गोल किए थे जोकि आज भी रिकॉर्ड के तौर पर बरकरार है.
बलबीर सिंह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे थे. वे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शामिल हैं. देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलिंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में से एक थे.