जुबिली न्यूज़ डेस्क
भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर में से एक हार्दिक पंड्या के पिता का निधन हो गया। बताया जा रहा है कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।पिता के निधन के बाद हार्दिक के भाई क्रुणाल पंड्या टीम के बायो बबल से बाहर आ गये हैं।गौरतलब है कि क्रुणाल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बड़ौदा का नेतृत्व कर रहे थे। इस खबर के बाद क्रुणाल घर के लिए रवाना हो गये हैं।
बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के सीईओ शिशिर हट्टंगडी ने बताया कि, ‘हां, क्रुणाल पंड्या ने टीम का बायो बबल छोड़ दिया है। यह उनके और उनके परिवार के लिए बेहद दुःख की घडी है। बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या के पिता के निधन पर शोक में है।’
बता दें कि अपने दोनों बेटों को क्रिकेटर बनाने के लिए हिमांशु पंड्या का बड़ा हाथ रहा। वो सूरत में एक छोटा सा कार फाइनेंस बिजनेस चलाते थे लेकिन अपने बच्चों को क्रिकेटर बनाने के लिए उन्होंने वडोदरा बसने का फैसला किया। यहां पर क्रिकेट की अच्छी सुविधाएं थी।
इसके लिए उन्होंने अपना बिजनेस तक बंद कर दिया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि बेटों को सिर्फ क्रिकेट खेलने देने के फैसले पर उनके कई रिश्तेदारों ने सवाल खड़े किये थे लेकिन हम अपने विश्वास पर कायम रहे।
So glad to see his face lit up like that❤this is the guy who should get all the happiness in life and deserves all the credit, my dad! pic.twitter.com/G55mBHpraw
— hardik pandya (@hardikpandya7) August 16, 2017
दिए गये इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि, ‘बच्चों ने बहुत मेहनत की। मैं सूरत में था, क्रुणाल 6 साल का था, मैं उसे बॉलिंग कराता था तो देखकर लगा कि ये अच्छा खिलाड़ी बन सकता है। सूरत के रांदेड़ जिमखाना में प्रैक्टिस किया करते थे।
इसके बाद एक दिन किरण मोरे के मैनेजर ने क्रुणाल को बैटिंग करते देखा। उसने कहा कि क्रुणाल को वडोदरा लेकर आएं उनका भविष्य अच्छा है। 15 दिन बाद ही मैं उन्हें वडोदरा ले गया और वहीं से क्रिकेट का सफर शुरू हुआ।
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वहीं , जब हार्दिक पंड्या ने साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ शतक मारा था तो उन्होंने अपने पिता को एक कार गिफ्ट की थी। हार्दिक ने एक ट्वीट के जरिये कहा था कि उनके पिता को जीवन की सभी खुशियां मिलनी चाहिए। उन्होंने अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय पिता को दिया था। पंड्या ने लिखा था कि उनके पिता ने अपने बेटों के करियर के लिए सबकुछ छोड़ दिया था, इसके लिए बहुत हिम्मत होनी चाहिए।