अंकित प्रकाश
जर्मनी के एक नामी शहर म्युनिक में गत सप्ताह, एक भारतीय परिवार पर हमला हुआ और दोनों को जख्मी अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जिसमें पति की मौत हो गयी और पत्नी अस्पताल में गंभीर अवस्था में हैं। प्रशांत और स्मिता लम्बे समय से म्युनिक में रहते थे और इन्हें जर्मन नागरिकता प्राप्त थी। दम्पति को जर्मन नागरिकता पिछले वर्ष ही मिली थी। पति की उम्र 49 वर्ष थी और पत्नी की उम्र 43 वर्ष है।
यह जोड़ा एक अपार्टमेंट में लगभग 10 साल से रहता था। उसी अपार्टमेंट में एक जिनेवा का इमिग्रेंट भी रहता था जिसकी उम्र 33 साल थी। बताया जा रहा है कि दोनों की आपस में किसी बात को लेकर सुबह 6 बजे पहले बहस हुई और फिर मामला इस हद तक बढ़ गया कि इमिग्रेंट ने दम्पति पर हमला बोल दिया। उसने किचन में प्रयोग होने वाले चाकू से ही दोनों पर कई वार किये। इस सख्स ने प्रशांत के सर और शरीर पर कई सारे वार किये।
जब शोर बढ़ा तब आस पास रहने वालों ने पुलिस को बुलाया और अप्रवासी सख्श को गिरफ्तार कर लिया गया। पत्नी ने भी घायल अवस्था में ही इमरजेंसी पर काल कर दिया था।
प्रशांत और स्मिता बुनियादी तौर पर कर्नाटक के रहने वाले थे और जर्मनी आकर बस गए थे। गिरफ्तार होने वाले शख्स के चेहरे पर किसी प्रकार का दुःख या पश्चाताप नहीं था।उसने अपना जुर्म पुलिस के सामने कबूला और गिरफ्तार हुआ।
पुलिस ने हमले में इस्तेमाल होने वाले चाकू को भी अपनी कस्टडी में ले लिया है। झगडा किस बात पर शुरू हुआ था इसका किसी को कुछ पता नहीं है।
हमलावर को मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया और उस पर हत्या के प्रयास का चार्ज लगाया गया जो कि अब प्रशांत की मौत के बाद हत्या के चार्ज में बदल जायेगा। पुलिस ने इस प्रकरण में किसी आतंकवादी के होने की संभावना नहीं जतायी है।
भारतीय विदेश मंत्री, सुषमा स्वराज ने इस मामले पर खेद व्यक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रशांत के भाई को जल्द से जल्द म्युनिक पहुँचाने में मदद की है और दूतावास को दम्पति के दो बच्चों की देखभाल के निर्देश दिए हैं। भारतीय कम्युनिटी में इस बात पर खासा असंतोष है और कम्युनिटी शोक व्यक्त करने के लिए एक कैंडिल मार्च निकालने की योजना बना रही है।