जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने बुधवार को केंद्र सरकार को औपचारिक रूप से अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के नाम की सिफारिश कर दी है। यह सिफारिश भारत के सर्वोच्च न्यायालय की परंपरा और वरिष्ठता के सिद्धांत के अनुसार की गई है।
जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद देश को नया मुख्य न्यायाधीश मिलेगा। इस समय जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता के क्रम में दूसरे स्थान पर हैं और न्यायपालिका में उनके अनुभव और योगदान को देखते हुए उन्हें अगला CJI बनाए जाने की सिफारिश की गई है।
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जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के मुख्य न्यायाधीश बनने के साथ ही वे भारत के 52वें CJI होंगे। गौरतलब है कि जस्टिस गवई ने न्यायिक सेवा में चार दशकों से अधिक का अनुभव अर्जित किया है। वे बॉम्बे हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अपनी स्पष्ट दृष्टिकोण, निष्पक्षता और न्यायिक विवेक के लिए पहचाने जाते हैं।
अब जब देश को नया मुख्य न्यायाधीश मिलने जा रहा है, तो न्यायपालिका में पारदर्शिता, न्याय तक सहज पहुंच और लंबित मामलों के निपटारे को लेकर नई उम्मीदें भी जागृत हो रही हैं।
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का संबंध महाराष्ट्र से है। उनका जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती में हुआ था। न्यायिक सेवा में उनका सफर वर्ष 2003 में शुरू हुआ, जब उन्हें 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके दो वर्ष बाद, 12 नवंबर 2005 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण संविधान पीठों का हिस्सा बनकर न्यायिक क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। वे कई गंभीर और चर्चित मामलों में फैसले देने वाली बेंचों का हिस्सा रहे हैं, जिनका न्यायिक इतिहास में खास महत्व रहा है। उनके फैसलों में संतुलन, संवैधानिक व्याख्या और समाज के व्यापक हित की झलक देखने को मिलती है।